सरकारी स्कूलों में लगातार गिरती शिक्षा व्यवस्था और कम होती छात्रों की संख्या को देखते हुए शिक्षा विभाग ने अब आधुनिक तकनीक से शिक्षा प्रणाली में बदलाव शुरु कर दिये है, जिसके लिए स्कूलों के भवन के जीर्णोद्धार से लेकर भवनों के सौंदर्यीकरण के साथ ही शिक्षा प्रणाली को हाईटैक करने की कवायद शुरु कर दी है। जिसके लिए काशीपुर के अब तक 35 स्कूलों को हाईटैक तकनीक से जोड दिया गया है, जिसमें आधुनिक उपकरणों से लैस लैब तैयार की गयी है, जिससे बच्चे आसानी से अपनी गणित के सूत्रों की बारीकी जान सकेंगे और आसान पद्धति से शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे, जिसके लिए खण्ड शिक्षा अधिकारी ने सबसे पहली आधुनिक लैब जो काशीपुर के जीजीआईसी में बनाई गई है उसको एक मॉडल के रूप में तैयार किया है, जिसमें दीवारों की पेंटिंग से लेकर प्रोजेक्टर के माध्यम से शिक्षा प्रणाली में नये आधुनिक बदलाव किये है, यही नहीं ब्लैकबोर्ड की जगह अब टैच स्क्रीन वाले डिस्प्ले बोर्ड पर बच्चों को खेल खेल में सरल तरीके से शिक्षा का ज्ञान देने का प्रयास किया जा रहा है।
खण्ड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि निजी स्कूलों से अब छात्रों की सरकारी स्कूलों की तरफ वापसी भी हो रही है, जिसके चलते बच्चों की संख्या में सरकारी स्कूलों में इजाफा हो रहा है, लगातार इन्फ्रा स्ट्रक्चर में बदलाव और डिजिटलाइजेशन, आडियो विडियो टेक्निक अब सरकारी स्कूलों में भी शुरू कर दी गयी है , जिसमें टच पैनल से आसानी से बच्चे पढ़ाई को समझ सकेंगे। यही नहीं गणित की कठिन संकल्पना आसानी से सीखेंगे और सरलतम शिक्षा भी छात्रों को मिलेगी, डिजिटल और मैनुअल रूप में गणित की लैब तैयार की जा रही है, जिसमें लक्ष्य अभी सौ स्कूलों को डिजिटल बनाने का है, और छ स्कूलों में कार्य प्रगति पर है जिसमें नीति आयोग के प्रदत्व फंड की मदद से ये लैब तैयार की जा रही है।बहरहाल गुणवत्ता परक शिक्षा अब सरकारी स्कूलों में भी मिल सकेगी, और सरकारी स्कूलों के स्तर में सुधार जल्द देखने को मिलेगा, सरकार के डिजिटल शिक्षा के स्वरूप को फिलहाल काशीपुर के कुछ स्कूलों में शुरू कर दिया गया है जिसके परिणाम स्वरूप सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ने लगी है, यदि सरकार गंभीरता से सरकार डिजिटल लैब के स्वरूप को सरकारी स्कूलों में लागू करती है तो आने वाले समय में उत्तराखंड के सरकारी स्कूल भी देश के लिए मॉडल होंगे।
संवाद365,अजहर मलिक
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