भागवत एवं हरबंस महापुराण ज्ञान यज्ञ आयोजन के दौरान,वृक्षारोपण कार्यक्रम हुआ आयोजित, पत्रकार जयप्रकाश कुकरेती द्वारा वृक्षारोपण की इस अभिनव पहल की क्षेत्र में हो रही है सराहना.. भागवत एवं हरिवंश महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ के आयोजन अवसर पर विभिन्न प्रजाति के 21 फलदार पौधों का वृक्षारोपण करके, लिया पित्रों का आशीर्वाद व दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश।
टिहरी जिले के विकास खंड भिलंगना के ग्राम सेमल्थ निवासी जय प्रकाश कुकरेती (जो पत्रकार के साथ-साथ,बागवानी और खेती-बाड़ी में विशेष रूचि रखते हैं) ने अपनी माता श्रीमती विजया कुकरेती के एकोदिष्ट वार्षिक श्राद्ध के पुण्य अवसर पर भागवत एवं हरिवंश महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के भव्य आयोजन के दौरान विभिन्न प्रजाति के 21 फलदार पौधों का रोपण कर,ना सिर्फ़ पित्रों के एकोदिष्ट श्राद्ध को यादगार बना डाला, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से अभिनव पहल करते हुए एक अनुकरणीय मिसाल भी समाज के सामने पेश की है।
यह भागवत एवं हरिवंश महापुराण कथा उस वक्त बेहद यादगार बन गई जब व्यास गद्दी पर विराजमान प्रधान आचार्य जगदंबा प्रसाद पैन्यूली, आचार्य देवेश्वर प्रसाद,आचार्य गणेश प्रसाद शास्त्री व कथा श्रवण को आए श्रद्धालुओं ने आयोजन करता जयप्रकाश कुकरेती व परिजनों के साथ ढोल दमाऊ की थाप व माँगल गीतों की धुन पर मुकुंद गार्डन में विभिन्न प्रकार के फलदार पौधों का रोपण किया,घटते वन और बिगड़ते पर्यावरण को सजाने व संवारने के प्रति लोगों को जागरूक करने के मायने में यह दृश्य पर्यावरण के प्रति लोगों में कुछ कर गुजरने की ललक पैदा कर रहा था।
खास बात यह भी रही कि रोपित पौधों को पित्रों के नाम दिए गये, ताकि पौधों को पनपाने व उनकी सुरक्षा के प्रति विशेष लगाव रहे, 60 नाली से अधिक भूमि पर 500 से अधिक फलदार वृक्षों के इस बागीचे का नाम पत्रकार जयप्रकाश कुकरेती ने अपने स्वर्गीय पिता के नाम पर मुकुंद गार्डन रखा है, जयप्रकाश कुकरेती का पर्यावरण के प्रति रुझान और संवेदनशीलता देखकर क्षेत्र के लोगों ने उनके कार्यों की जमकर प्रशंसा की है।
कुकरेती व उनके परिवार की यह पहल जहां पर्यावरण संवर्धन और संरक्षण के लिए कारगर साबित होगी, वहीं पलायन को रोकने तथा रोजगार का जरिया बनाने में भी बेहद मददगार साबित होगी
पर्यावरण संरक्षण के प्रति पत्रकार जयप्रकाश कुकरेती की यह अभिनव पहल समाज को अवश्य प्रेरित करने का काम करेगी।
संवाद 365, वाचस्पति रयाल
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