हाल-ए-उत्तराखंड : बीमार महिला को 8 किमी डोली के सहारे कंधे पर उठाकर ले गए ग्रामीण, फिर कर दिया रेफर

July 21, 2022 | samvaad365

पुरोला : उत्तराखंड सरकार हमेशा से ही प्रदेश की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का दावा करती आई है लेकिन जमीनी हकीकत साफ तौर पर देखी जा सकती है. पहाड़ों के सरकारी अस्पताल और मैदान के कई अस्पताल रेफर सेंटर बनकर रह गए हैं. इसके चक्कर में कई मरीजों ने अपनी जान गवाई है. यदि सही समय पर मरीजों को इलाज मिलता तो उनकी जान बच सकती थी लेकिन पहाड़ के अस्पातल मात्र एक रेफर सेंटर बनकर रह गए हैं. साथ ही सड़क ना बनने के कारण भी गांव वालों और मरीजों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.

हालात ऐसे हैं कि लोगों को बीमार और गर्भवती महिलाओं को कई किलो मीटर तक कंधे में डोली के सहारे उठाकर सड़क तक ले जाना पड़ रहा है,. इससे पहाड़ों में कितना विकास हुआ इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. बता दें कि ताजा माला उत्तरकाशी के पुरोला का है जहां सुदूरवर्ती डिंगाड़ी गांव की एक महिला की अचानक तबीयत खराब हो गई। उसे बुखार एवं उल्टी दस्त की शिकायत थी।

महिला की स्थिति अधिक बिगड़ने लगी तो सोमवार की सुबह ग्रामीणों ने डंडी के जरिये उसे 8 किलोमीटर गंगराली पुल तक लाए। फिर यहां से सड़क निर्माण करने वाले ठेकेदार की गाड़ी के जरिये महिला को बड़कोट पहुंचाया।महिला की हालत गंभीर होने  परउसे देहरादून रेफर किया। वहीं, सर बडियार क्षेत्र के एलोपैथिक और आयुर्वेदिक अस्पताल में चिकित्सक न होने पर ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त किया है।

रोष व्यक्त करते हुए ग्रामीणों ने कहा कि कम से कम बारिश के मौसम में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग सर बडियार क्षेत्र में ही चिकित्सकों की व्यवस्था कर सकता है, जिससे मरीजों को परेशानी ना हो. एक तो सड़क नहीं और ऊपर से ड़ॉक्टर भी नहीं। बीमार महिला के बेटे कैलाश रावत ने बताया कि सर बडियार क्षेत्र में एलोपैथिक अस्पताल और आयुर्वेदिक अस्पताल का भवन तो है। लेकिन, चिकित्सक न होने के कारण इन भवनों पर ताले लटके हुए हैं.

कई बार स्वास्थ्य विभाग से भी उन्होंने चिकित्सकों की तैनाती की मांग की है। लेकिन उसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से चिकित्सक तैनात नहीं किए गए हैं। उन्होंने बताया कि सर बडियार क्षेत्र में पांच ग्रामीण बुखार और उल्टी दस्त से पीड़ित हैं। लेकिन, उन्हें भी गांव में उपचार नहीं मिल पाया है।

संवाद 365, दीपिका भंडारी

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