5 सितंबर के देशभर में शिक्षक दिवस मनाया जाता है । शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य पर पढ़े शिक्षिका इन्द्रा तिवारी’इन्दु’ की कविता जिसमें शिक्षक के जीवन पर प्रकाश डाला गया है ।
मन के अंधियारे गलियारे में,
ज्ञान की जोत जगाते हैं ।
टेढ़ी-मेढ़ी जीवन -पगडंडी पर ,
जो चलना हमें सिखाते हैं ,
वही तो गुरुजन होते हैं ।
हो तनिक शिष्य का मन चंचल
वो मन भाव तुरंत पढ़ लेते हैं ।
नादानी शिष्य की सहकर भी ,
जो क्षमादान दे देते हैं ।
वही तो गुरुजन होते हैं ।।
कभी पित्र रूप कभी मात्र रूप ,
कभी मित्र रूप कभी सहचर बन
जीवन के कांटे चुन-चुन कर ,
जो मार्ग सही दिख लाते हैं ।
वही तो गुरुजन होते हैं है।।
है नमन मेरा सब गुरुजन को,
जो जीवन का अर्थ समझाते हैं
खुद बाती सा जल जाते हैं ,
पर रोशन दुनिया कर जाते हैं।
वही तो गुरु जन होते हैं।।
श्रीमती इन्द्रा तिवारी’इन्दु’
प्रवक्ता हरगोविंद सुयाल सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज हल्द्वानी नैनीताल
संवाद365,डेस्क