हरिद्वार: लॉकडाउन ने बदला हवा का रुख… वातावरण हुआ साफ

May 5, 2020 | samvaad365

हरिद्वार: पिछले चार महीनों में हमारी दुनिया एकदम बदल गई है. हज़ारों लोगों की जान चली गई. लाखों लोग बीमार पड़े हुए हैं. इन सब पर एक नए कोरोना वायरस का क़हर टूटा है. और, जो लोग इस वायरस के प्रकोप से बचे हुए हैं, उनका रहन सहन भी एकदम बदल गया है. ये वायरस आने के बाद भारत में भी लॉकडाउन जारी है लोगों को घरों में कैद होने से बाजार, थिएटर, बंद हैं. दुनिया भर में उड़ानें रद्द कर दी गई हैं. फैक्ट्रियां बंद पड़ी हैं,ये सारे क़दम इसलिए उठाए गए हैं, ताकि नए कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके और इससे लगातार बढ़ती जा रही मौतों के सिलसिले को थामा जा सके.ऐसी ही तस्वीरें दुनिया के तमाम दूसरे शहरों में भी देखने को मिल रही हैं. इसमें कोई शक नहीं कि कोरोना वायरस दुनिया के लिए काल बनकर आया है. अमरीका जैसी सुपरपावर की हालत ख़राब कर दी है. इन चुनौतियों के बीच एक बात सौ फ़ीसद सच है कि दुनिया का ये लॉकडाउन प्रकृति के लिए बहुत मुफ़ीद साबित हुआ है. वातावरण धुल कर साफ़ हो चुका है. गंगा यमुना जैसी नदियों का जल करोड़ो खर्च करने के बावजूद जहां साफ नहीं हो पाया था वहीं कोरोना महामारी के चलते नदी का जल कई गुना साफ हो गया है।

भारत में लॉकडाउन का असर प्रकृति पर साफ देखने को मिल रहा है। हरिद्वार के कई आम के पेड़ों की पत्तियों पर प्रकृतिक शहद उमड़ पड़ा है जिससे पत्तियों पर अचानक चमक उभर आई है। मधुमक्खियों झुंडो में शहद का आनन्द ले रहीं है वहीं चींटियां भी आम के पेड़ो पर भारी संख्या में नज़र आ रहीं है हरिद्वार के प्रसिद्ध वैध एम. आर.शर्मा का कहना है की ये कुदरत में आये बदलाव के संकेत हैं।

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संवाद365/नरेश तोमर 

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