हरिद्वार में शुक्रवार को एक बार फिर दो हाथियों की ट्रेन से टकराकर मौत हो गई। घटना हरिद्वार वन प्रभाग के हरिद्वार रेंज में घटी। शुक्रवार सुबह चार बजे यहां स्थित जमालपुर कला क्षेत्र में जंगली गजराजों का झुंड रेलवे ट्रैक पार कर रहा था, उसी दौरान दिल्ली से आ रही ट्रेन से दो युवा हाथी टकरा गए और दोनों ने घटना स्थल पर ही तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। घटना के बाद से ही वन महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।
हरिद्वार-देहरादून जनपद के वन क्षेत्रों से गुजर रहे रेलवे ट्रैक यहां मौजूद वन्यजीवों के लिए काल बनते जा रहे हैं। शुक्रवार को एक बार फिर जमालपुर कला क्षेत्र में दो जंगली गजराजों की ट्रेन की चपेट में आने से मौके पर ही मौत हो गयी। बढ़ती आबादी व सिमटते जंगल व तेज रफ्तार ट्रेने इन हाथियों की मौत की वजह बन चुके हैं। राज्य गठन के बाद से अब तक तीस के करीब जंगली हाथी व सैकड़ों की संख्या में वन्यजीव इन ट्रेनों की चपेट में आकर दम तोड़ चुके हैं। आज घटी इस घटना के बाद सकते में आये वन महकमे ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों के अनुसार किस ट्रेन से यह घटना घटी व उसकी क्या गति थी इसकी जांच के बाद ही आगे की कार्यवाही की जाएगी।
यह पहली बार नहीं है जब जंगली हाथियों का झुंड आबादी से सटे इन क्षेत्रों में पंहुचा हो। इस क्षेत्र में लगातार इनकी आवाजाही बनी रहती है मगर उसके बावजूद भी लगातार गश्त के दावे किए जाते रहे हैं मगर ये दावे महज कागजों तक ही सिमट कर रह जाते हैं। अधिकारियों का कहना है कि भविष्य में ऐसी घटना न हो इसके कारण तलाशे जाएंगे उसके बाद उस पर इस दिशा में जल्द ही सकारात्मक पहल की जाएगी।
हर बार इस तरह की घटनाओं के बाद उत्तराखंड वन महकमा व रेलवे विभाग तमाम योजनाएं बनाता है, मगर वो योजनाएं कभी भी धरातल पर उतरती नजर नहीं आती हैं। इन विभागों की नाकामी के चलते ही हर वर्ष जहां सैकड़ों वन्यजीव तड़प-तड़प कर काल के गाल में समाते हैं तो वहीं दूसरी ओर हजारों रेल यात्रियों पर भी दुर्घटना का संकट मंडराता रहता है।
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हरिद्वार/नेरश तोमर