अनमोल है हिंदी, विदेशों में भी हो रहा हिन्दी का प्रसार

October 4, 2020 | samvaad365

भारती भाषा संवर्धन संस्थान इस वर्ष हिंदी पखवाड़ा राजभाषा उत्सव के रूप में मना रहा है। कार्यक्रमों की यह श्रृंखला हिंदी दिवस पर 14 सितम्बर से शुरू होकर गाँधी जयंती पर 2 अक्टूबर तक चलेगी। पखवाड़े के शुभारंभ करते हुये 14 सितंबर को दुबई स्थित कांसुलेट जनरल ऑफ इंडिया अमन पुरी जी ने अपने  शुभकामना संदेश के साथ हिन्दी को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने हेतु संस्थान द्वारा किए जाने वाले प्रयासों की  प्रशंसा की।

भारती भाषा संवर्धन संस्थान के अध्यक्ष भूपेंद्र कुमार  ने बताया कि संस्थान का उद्देश्य अपनी मातृभूमि से दूर रह रहे भारतीयों में अपनी भाषा और संस्कृति के प्रति प्रेम जगाना है। दूसरी और तीसरी पीढ़ी के प्रवासी भारतीय अपनी मातृभाषा बोलने में संकोच करते हैं। भारती भाषा संवर्धन संस्थान प्रति वर्ष की भांति 14 सितम्बर राजभाषा हिंदी दिवस से 2 अक्टूबर गाँधी जयंती “राजभाषा उत्सव” और 10 जनवरी विश्व हिंदी दिवस से लेकर 21 फरवरी अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस तक “मातृभाषा उत्सव” मनाएंगे। दोनों ही कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर आयोजित होंगे।

संस्थान  द्वारा इस वर्ष सयुंक्त अरब एमीरात (यूएई) में 25 सितंबर 2020, यूएई में आनलाइन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिसमें लगभग 4500  से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया। सुलेख, आशुभाषण, भाषण, हिंदी भाषा प्रश्नोत्तरी, चित्र से कहानी कविता इत्यादि प्रतियोगिता इसके आकर्षण रहे। विद्यार्थियों का उत्साह देखते ही बनता था। भारतीय वाणिज्य दूतावास, दुबई के तत्वधान में यह प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। २ अक्तूबर २०२० को इस पखवाड़े का समापन चित्र प्रतियोगिता, गांधी जी पर परिचर्चा, सांस्कृतिक कार्यक्रम व सभी प्रतियोगिताओ के  विजेताओ की घोषणा की जाएगी।

राजभाषा उत्सव के अंतर्गत 28  सितंबर २०२० को भारती भाषा संवर्धन संस्थान द्वारा एक ऑनलाइन  गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी का विषय था- हिन्दी – राजभाषा से राष्ट्रभाषा की ओर। भाभासस के अध्यक्ष श्री भूपेंद्र कुमार जी ने गोष्ठी का शुभारंभ किया। भाभासस के उत्तर भारत के प्रभारी श्री प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल ने आमंत्रित वक्ताओं का परिचय व स्वयं का व्यक्तव्य प्रस्तुत कर कार्यक्रम का संचालन किया। इस गोष्ठी में हिन्दी प्रेमी श्री अरुण तिवारी जी (दुबई, यूएई), सुश्री ललिता मिश्रा जी (आबू धाबी, यूएई) सुश्री अनुश्री जी (शारजाह,यूएई से) व लेखक कवि श्री अशोक राठी जी (कुरुक्षेत्र, भारत )से शामिल हुये।

दशको से यूएई मे रहे  प्रतिबिंब बड़थ्वाल जी भारती भाषा संवर्धन संस्थान के उत्तर भारत के प्रभारी के रूप मे ज़िम्मेदारी निभा रहे है। गोष्ठी की शुरुआत करते हुये उन्होने मेटकाफ, रोबक, केरी, एनी बेंसेंट व महात्मा गांधी जी के उन विचारो को रखा जिसमे हिन्दी को पूरे हिंदुस्तान की भाषा बनाने का  समर्थन किया था। वक्ताओं में शारजाह में कार्यरत हिन्दी प्राध्यापिका श्रीमती अनुश्री जी ने राजभाषा के संवैधानिक पक्ष पर शुरू से लेकर आज तक के संवैधानिक अधिनियमो मे बदलाव की भूमिका का जिक्र करते हुये उनको लागू करने के लिए ईमानदार प्रयासों की वकालत की। भारतीय रेल मे सामग्री प्रबंधन में कार्यरत इंजीनियर श्री  अशोक राठी जी ने शासकीय कार्यों मे राजभाषा के लिए केंद्रीय हिन्दी निदेशालय का दायित्व व उसका निर्वाहन के स्वरूप पर अपने विचार रखे और उनका कहना है कि सरकार द्वारा हिन्दी के कार्यक्रमों को वर्ष में एक  बार होने वाले आयोजन की तरह नहीं बल्कि दैनिक कार्यो मे इसकी प्रासांगिकता को बनाए रखना होगा। उन्होने कहा जब तक हिन्दी एक जन आंदोलन का रूप नहीं लेगी तब तक केवल शासकीय प्रयासों का कोई अर्थ नहीं है ।

आबूधाबी मे इंडियन स्कूल की हिन्दी विभागाध्यक्ष ललिता मिश्रा जी ने  संपर्क भाषा, राज भाषा, राष्ट्र भाषा व विश्व भाषा की विशेषताएँ को बताया व उनका कहना है कि आने वाले वर्षो में हिन्दी विश्व भाषा का दायित्व निभा सकती है।  दुबई एमीरेट्स समूह की एक कंपनी मे वाइस प्रेसिडेंट के पद पर कार्यरत, वरिष्ठ अभियंता श्री अरुण तिवारी जी ने हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए जन आंदोलन का जिक्र किया। उनका मानना है कि सरकार या नेताओं पर आश्रित न रह कर जन भागीदारी से ही राजभाषा से राष्ट्रभाषा बन सकती है।  इस गोष्ठी के सफल आयोजन में श्री आनन्द पांडे जी व श्री अवधेश जी का विशेष योगदान रहा। अंत में श्री भूपेंद्र कुमार जी ने धन्यवाद ज्ञापन देकर कार्यक्रम को समाप्त किया।

https://youtu.be/yHnf9iKulzI

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संवाद365/प्रतिबिंब बड़थ्वाल

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