‘फुलूं में भौंरों में होली तेरी मेरी बाता’… पप्पू दा की पहली पुण्यतिथि

June 9, 2019 | samvaad365

याद कीजिए आज से ठीक एक साल पहले… आज ही के दिन यानी कि 9 जून 2018 को उत्तराखंड में एक सड़क हादसा हुआ था. एक ऐसा हादसा जिसने हर उत्तराखंडी की आंख को नम कर दिया था. क्योंकि उत्तराखंड ने अपना एक शानदार लोकगायक खोया था. फूलों में भौंरों में होली… तेरी मेरी बात… ये पंक्तियां हैं दिवंगत लोकगायक प्रवेंद्र सिंह कार्की उर्फ पप्पू कार्की की. पप्पू कार्की की आज पहली पुण्य तिथि है. नईं पीढ़ी का ये लोकगायक उत्तराखंडी गीत संगीत जगत में अपना अमूल्य योगदान दे रहा था. पप्पू कार्की का देहांत एक सड़क हादसे में हुआ था. पप्पू कार्की अपने करियर के टॉप पर थे. न सिर्फ ये उनके लिए एक स्वर्णिम दौर था बल्कि गीत संगीत से लगाव रखने वाले लोगों के लिए भी ये एक शानदार दौर था. पप्पू कार्की से लोगों की उम्मीदें भी कुछ ज्यादा थी क्योंकि उनकी शैली उनकी गायकी की कुछ निराली थी.

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दिवंगत पप्पू कार्की ने अपना पहला गीत 1998 में कृष्ण सिंह कार्की के साथ रिकॉर्ड किया था. काफी समस्याएं भी आई लेकिन पप्पू कार्की एक तरफ से गायकी के क्षेत्र में जुटे रहे. 2006 के दौरान वो उत्तराखंड आइडल के रनर अप रहे. ये बात सत्य है कि पप्पू कार्की ने अपने जीवन में काफी संघर्ष देखे. और संघर्षों के बाद आखिरकार पप्पू कार्की ने अपनी एक जगह उत्तराखंडी लोकगीत के जगत में बनाई एक ऐसी जगह जो उनके खाली होने के बाद भर पानी काफी मुश्किल है. पप्पू कार्की के जाने के बाद उनके बेटे नन्हें दक्ष कार्की ने उनके गीतों को गाना शुरू कर दिया है. जब कभी भी पप्पू कार्की के बेटे दक्ष कार्की का नया गीत आता है तो याद जरूर पप्पू कार्की की आ जाती है. पप्पू कार्की की पहली पुण्य तिथि पर हर कोई उन्हें याद कर रहा है.

संवाद 365/ काजल

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