2016 में उरी हमले से भी ज्यादा बड़ा हमला आतंकवादियों द्वारा 14 फरवरी गुरुवार को भारतीय जवानों पर किया गया। जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में जैश के आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर हाइवे के पास अवंतीपोरा से गुजर रहे सीआरपीएफ के काफिले पर अचानक हमला बोल दिया।
इस हमले में आतंकियों ने विस्फोटकों से लदे वाहन को सीआरपीएफ जवानों को ले जा रही बस से टकरा दिया जिसमें 38 जवान शहीद हो गए और कई जवान गंभीर रुप से घायल भी हो गए। जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है। वहीं इस दुःखद घटना की खबर सुनते ही केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह जम्मू-कश्मीर पहुंचे और वहां पहुंकर पुलवामा आतंकवादी हमले में शहीद सीआरपीएफ के जवानों को अंतिम विदाई दी। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक और उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। हमले के मद्देनजर शुक्रवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक हुई। बैठक में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, तीनों सेनाध्यक्ष और CRPF के डीजी ने भाग लिया। बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पाकिस्तान को कूटनीतिक तौर पर अलग-थलग किया जाएगा। पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लिया जाएगा। आतंक के समर्थकों को पछताना पड़ेगा।
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दिल्ली/काजल