प्रदेश में लगातार बढ़ रही कोरोना संक्रमितों की संख्या को लेकर सरकार द्वारा बुधवार से दोपहर 02 बजे से लाॅकडाउन व शाम 07 बजे से सुबह 05 बजे तक नाईट कफ्र्यू को लेकर जारी किये गए आदेश के बाद बुधवार को मैदानी क्षेत्रों से पर्वतीय क्षेत्रो को जाने वाले यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा , तो वहीं सरकार की गाईड लाईन का पालन करने को लेकर जहाॅ एक ओर जनता पूरी तरह बेपरवाह दिखी तो वहीं स्थानीय प्रशासन के अधिकारी भी सरकार की गाईडलाईन का पालन कराने को लेकर पूरी तरह लापरवाह दिखाई दिये। सरकार ने लाॅकडाउन का आदेश को दिया लेकिन इसका पालन कराने वाले जिम्मेदार अधिकारी ही सड़को से गायब रहे जिससे यात्रियों को परेशानी उठानी पडी तो ,वहीं प्राईवेट बसों में भी नियमों की धज्जियाॅ उडती हुई दिखाई दी तथा लाॅकडाउन के चलते शराब की दुकानों पर भी समाजिक दूरी का उल्लघन देखने को मिला। परेशान यात्रियों ने सीधे सीधे सरकार पर जमकर आरोप लगाते हुए कहा कि जिस समय असम, पश्चिम बंगाल व सल्ट में उपचुनाव चल रहा था तो उस समय लाॅकडाउन क्यों नही लगाया और इन चुनावों में उड़ी नियमों की धज्जियों पर क्यो नही कार्यवाही की गई आज इन सभी जगह चुनाव खत्म होने के बाद सरकार ने लाॅकडाउन का फरमान जारी कर जनता का उत्पीडन करने में कोई कसर नही छोडी है। जनता का कहना था कि कोरोना से निजात भी मिलनी चाहिये लेकिन सरकार को लाॅकडाउन लगाने से पहले जनता व यात्रियों की सुविधा का भी ध्यान रखना चाहिये तथा जनता ने सरकार की इस कार्यवाही का जहाॅ एक ओर विरोध किया तो वहीं लापरवाह बनें अधिकारियों से भी सडको पर आकर जनता से सरकार की गाईडलाईन का पालन कराने की बात कही।
संवाद 365 , अमित बेलवाल
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