भारतीय बौद्ध संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भंते संघप्रिय राहुल पहुचें देहरादून,सामने रखी ये बातें

January 20, 2019 | samvaad365

भारतीय बौद्ध संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भंते संघप्रिय राहुल ने आज देहरादून में आयोजित समरसता समारोह में शिरकत की। पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दलित आदिवासी और पिछड़ी जातियों को अन्य जातियों से तालमेल करके रहना चाहिए! इससे देश में आपसी सद्भाव और राष्ट्र विकास को बल मिलता है।” आपस में लड़ाई-झगड़ा करने से दूसरे धर्म के लोग इसका नाजायज फायदा उठाते हैं। जैसे दलित आदिवासियों को बांटा जाता है तो क्रिश्चन और मुस्लिम समुदाय के लोग इनको प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराने लगते हैं। दलित आदिवासी धर्म परिवर्तन करने के बाद भी उनको उसी श्रेणी में खड़ा होना पड़ता है जहां वे कल खड़े थे।

बाबासाहेब डॉ० आंबेडकर ने 1935 में इस आवाज को उठाया था और हिन्दू धर्म छोड़ने की बात कही थी। लेकिन काफी दिनों के अध्ययन करने के बाद उन्होंने समता, मैत्री, करुणा पर आधारित धर्म (बौद्ध धर्म) को ही अपनाया। जो इसी देश का एक प्राचीनतम धर्म है ना कि कोई विदेशी धर्म है।

मुस्लिम धर्म के लोग दलितों को गुमराह कर धर्म परिवर्तन कराते हैं जिससे देश को बड़ा नुक्सान पहुंचता है। भंते संघषिय ने कहा कि आज कांग्रेस पार्टी द्वारा क्रिश्चन और मुस्लिम संस्थाओं के माध्यम से पुरे देश में एक ऐसा भ्रम जाल फैलाया जा रहा है कि आरएसएस और बीजेपी दलितों की घोर दुश्मन है उससे दलित समाज आपस में लड़ता रहे और इसका फायदा कांग्रेस और अन्य पार्टियों को मिलता  रहे , जबकि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाबासाहेब डॉ० आंबेडकर के विचारो को फैलाने के लिए कटिबद्ध है जो कि कांग्रेस सरकार पिछले सत्तर साल में भी नहीं कर पाई।

समारोह में संघ के प्रदेश अध्यक्ष और समारोह आयोजक विकास चंद, प्रोफ़ेसर संदीप गौतम व अन्य कार्यकर्त्ता मौजूद रहे।

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देहरादून/संध्या  सेमवाल

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