उत्तरकाशी- जखोल में तीन दिवसीय सोमेश्वर महादेव बिशु मेले के आखिरी दिन पहुंची हंस फाउंडेशन की  संस्थापक माताश्री मंगला

April 20, 2022 | samvaad365

उत्तरकाशी के मोरी ब्लाक के जखोल गांव में आयोजित तीन दिवसीय सोमेश्वर महादेव बिशु मेला धूमधाम से मनाया गया। जिसमें क्षेत्र के 22 गांव के ग्रामीणों ने अपने इष्टदेव सोमेश्वर महादेव के दर्शन-पूजन कर आशीर्वाद लिया। बिशु मेले के तीसरे दिन हंस फाउंडेशन की  संस्थापक माताश्री मंगला जी ने मेले प्रतिभाग किया। इस दौरान  जखोल गांव में उनका भव्य स्वागत हुआ। इस मौके पर माता मंगला जी,उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार की पत्नी डा.अलकनंदा और पूर्व मंत्री नारायण सिंह राणा ने सोमेश्वर महाराज मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस मौके पर माता मंगला जी ने जखोल गांव में छात्राओं की शिक्षा के लिए 12वीं तक का आवासीय स्कूल खोलने की घोषणा की.

सोमेश्वर महादेव बिशु मेले में पहुंची हंस फाउंडेशन की संस्थापक माताश्री मंगला जी ने इस मौके पर उपस्थित हजारों भक्तों का अभिवादन करते हुए सोमेश्वर महादेव से सभी के जीवन में सुख-शांति और संतुष्टि की कमाना करते हुए कहा की मैं आज अभिभूत हूं यह देखकर कि जौनसारी जनजाति की सांस्कृतिक विरासत और परंपरा को दर्शाने वाले इस मेले में टिहरी,उत्तरकाशी और उत्तराखंड के दूर दराज क्षेत्रों से इतनी बड़ी संख्या में भक्तगण पहुंचे है। लोक संस्कृति और संवर्धन से जुड़े इस मेले में जिस तरह से लोक संस्कृति,लोक परंपराओं और पहनावे को जीवंत किया गया है। यह निश्चित तौर पर हमारी संस्कृति का सम्मान है। इस बेहतर आयोजन के लिए हम सोमेश्वर महादेव मंदिर समिति जखोल को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देते है।

माताश्री मंगला जी कहा कि आज हम सोमेश्वर महादेव के प्रांगण में आस्था और सेवा के लिए एकत्र हुए है। सेवा जो जीवन का वास्तविक पथ है। जिस पर हम हंस फाउंडेशन के माध्यम से चल रहे है। स्वास्थ्य शिक्षा,दिव्यंगता,रोजगार,पलायन,पेयजल,कृषक कल्याण,समाज कल्याण,महिला सशक्तिकरण,ग्रामीण विकास,बाल विकास व ऊर्जा आदि क्षेत्रों में हम निरंतर सेवाएं दे रहे है,साथ-साथ देश के पर्वतीय क्षेत्रों की आबादी के जीवन स्तर में सुधार लाने लिए निरंतर प्रयासरत है। हमें खुशी हैं कि हैं हम निरंतर अपनी सेवाओं के माध्यम से असंख्य जरूरतमंद लोगों तक पहुंच रहे है।

माताश्री मंगला ने इस मौके पर बिशु मेले में उपस्थित हजारों लोगों से अपील की कि आज हम सभी को अपनी सुंदर संस्कृति,परिधान,रीति-रिवाज और यहां के खानपान के संरक्षण के लिए आगे आना होगा। उन्होंने मेले में उपस्थित ग्रामीणों से निवेदने किया कि इस संस्कृति को संजोकर रखने का आज हर ग्रामीण संकल्प लें। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर की सेवा ही मानव सेवा है। मानव सेवा से ही एक मात्र ईश्वर सेवा है। माता-पिता की सेवा कर युवा वर्ग और महिलाएं पुण्य कमा सकती हैं। यही पुण्य कमाने का एकमात्र जरिया है।

माताश्री मंगला जी ने कहा की पिछले बार जब हम मेले में आए थे तो यहां के दूर्गम स्थलों से आए ग्रामीणों ने अपने जीवन संघर्षों के बारे में बताया था कि किस तरह से उन्हें बहुत ज्यादा बर्फबारी होने पर,कड़ाके की ठंड में कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। खास तौर पर स्वास्थ के क्षेत्र में,इस दूरस्थ क्षेत्र में कई गांव ऐसे हैं,जिन तक पहुंचना आज के समय में किसी चुनौती से कम नहीं होता है। बदलते मौसम के मिजाज और बारिश के कारण उत्तरकाशी के इन दूरस्थ क्षेत्रों में बसे गांव कई बार आम जनजीवन से कट जाते हैं। ऐसे में इन गांवों में रह रहे ग्रामीणों को स्वास्थ्य-बिजली-पानी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बिजली न होने से कई बार इन गांवों में रहने वाले लोगों और पशुओं को जंगली जानवरों का सामना भी करना पड़ता है। इन कठिन चुनौतियों से लोगों को राहत देने के लिए हमने इन गांव को हंस ऊर्जा पावर पैक और सोलर लाइटें प्रदान की हैं। मुझे आप को बताते हुए खुशी हो रही हैं कि आज हंस ऊर्जा पावर पैक और सोलर लाइटों के माध्यम से यहां के लोगों का जीवन संवर रहा है। बच्चे पढ़ रहे है,महिलाएं भी अब आराम से घर का काम कर पा रही,सुरक्षा की दृष्टि से भी अब कोई डर नहीं है। हंस फाउंडेशन के माध्यम से सेवाओं का विस्तार हो रहा है। यह हमारे लिए खुशी का पल है।

माताश्री मंगला जी ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी हम इस क्षेत्र में निरंतर सेवाएं दे रहे है। चिकित्सा सेवाओं के लिए जखोल में मोबाइल एंबुलेंस डिस्पेंसरी की व्यवस्था की गई है। ताकि किसी भी आपात स्थिति में यहां के ग्रामीणों खासतौर पर महिलाओं को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके।

माताश्री मंगला जी ने कहा कि हम जखोल क्षेत्र को हिमाचल की तर्ज पर विकसित करना चाहते है। इसके लिए हमने जखोल के ग्रामीणों को सेब के 8000 उन्नत प्रजाति के पौध वितरित किए। जिसमें किंगरोट,अर्ली रेडवन,गाला,शिनिको रेड,रेडवन गाला हपके,ग्रीनस्मिथ चैलेंजर,ऑर्गन स्पर-2 सहित विभिन्न प्रजाति के पौधे है। इससे यहां के लोगों की आमदनी भी बढ़ेगी और स्वरोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। इसी के साथ स्वास्थ्य-शिक्षा और स्वरोजगार के क्षेत्र में हम उत्तरकाशी जिले में निरंतर सेवाएं दे रहे है।माताश्री मंगला जी ने इस मौके पर कहा कि सेवा के पटल पर कभी भी कोई में सेवा हो तो हंस फाउंडेशन हमेशा आपके साथ खड़ा था और खड़ा रहेगा।

इस मौके पर बीशु मेला समिति के अध्यक्ष गंगा सिंह रावत ने बताया कि हंस फाउंडेशन दशकों से इस क्षेत्र में अपने सेवाओं के माध्यम से असंख्य गरीब एवं जरूरतमंद लोगों तक पहुंच रहा है। स्वास्थ्य-शिक्षा के साथ-साथ उत्तरकाशी में हुए अग्नि कांड पीड़ित को मदद,आपदा प्रभावित गांव के युवाओं,महिलाओं,आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सहयोग,खाद्यान्न समेत अन्य कई सेवाएं निरंतर हंस फाउंडेशन के माध्यम से इस क्षेत्र में पहुंच रही है।

आपको बता दें कि मोरी ब्लाक के गोविंद वन्य जीव विहार के जखोल गांव में प्रत्येक वर्ष वसंतोत्सव पर क्षेत्र के 22 गांव के इष्टदेव सोमेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में तीन दिवसीय बिस्सू मेले का आयोजन किया जाता है। मेले में क्षेत्र के 22 गांव के लोग प्रतिभाग करते हैं। ग्रामीण मंदिर परिसर में एकत्रित होकर तांदी,रांसो नृत्य भी करते हैं। बिशू मेला वसंत के आगमन को लेकर मनाया जाता है। क्षेत्र की समृद्धि एवं खुशहाली के लिए ग्रामीण इष्टदेव सोमेश्वर महादेव की पूजा-पाठ कर आशीर्वाद लेते है।

संवाद 365, राहुल चौहान

 

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