उत्तराखंड की स्वास्थ्य सुविधा कितनी बेजान है इसका जीता जागता उदाहरण और संवेदनहीनता का नमूना एक बार फिर से देखने को मिला है. जगह इस बार पिथौरागढ़ है. जहां पर एक 108 एंबुलेंस सिर्फ नकली मुर्दों को ढोती रही और एंबुलेंस न मिलने के चलते महिला ने खेत में ही बच्चे को जन्म दे दिया.
दरअसल जाखनी में एक गर्भवती महिला एंबुलेंस की आस में जान बचाने के लिए चीखती रही लेकिन ये चीखें स्वास्थ्य विभाग तक नहीं पहुंच पाई. सरकारी एंबुलेंस प्रशासन के मॉकड्रिल में लगी रही. और महिला का प्रसव खेत में ही हो गया. एंबुलेंस पहुंची जरूर लेकिन प्रसव होने के बाद तब जाकर जच्चा बच्चा को अस्पताल ले जाया गया. जाखनी गांव की 20 साल की एक महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हुई 108 एंबुलेंस को फोन किया गया जैसे तैसे महिला को सड़क तक लाया गया लेकिन एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंच पाई. महिला दर्द से चीखती रही आसपास के लोगों ने महिला की सहायता जरूर की. और खेत में ही प्रसव करवाना पड़ा. वहीं डीपीओ 108 पिथौरागढ़ का कहना है कि आपातकालीन वाहनों की मॉकड्रिल चल रही थी जिससे समय रहते महिला को सहायता नहीं मिल पाई लेकिन उसके बाद 108 कर्मी मौके पर पहुंचे.
(संवाद 365/नीरज कुमार)
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