नरेंद्रनगर: नरेंद्रनगर में आशा कार्यकत्रियों के संघ ने 21 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन उप जिलाधिकारी के माध्यम से पीएम और सीएम को भेजा। आशा स्वास्थ्य कार्यकत्रियों में इस बात को लेकर भारी आक्रोश है, कि विगत माह मार्च से कोविड-19 जैसी महामारी से निपटने में जुटी आशा स्वास्थ्य कार्यकत्रियां जीवन दांव पर लगाकर और अपने घर परिवार को छोड़कर दिन-रात कार्य कर रही हैं, उन्होंने कहा कि वे संस्थागत हो चाहे होम क्वारंटीन अथवा घर तक दवाइयों की डिलीवरी कर रही हैं इसके अलावा भी कई काम उनके द्वारा किये जा रहे हैं।
लेकिन हैरत की बात यह है कि मार्च से लेकर जुलाई तक 5 माह होने को हैं, मगर अभी तक उन्हें किसी भी तरह का मानदेय देना तो रहा दूर, ड्रेस, सैनिटाइजर, ग्लवज और स्वास्थ्य किट तक नहीं दिया गया है। और काम उनसे पूरा लिया जा रहा है।
आशा वर्कर्स का कहना है कि अब सरकार उन्हें प्रतिमाह 1 हजार रू० मानदेय देने की बात कर रही है, लेकिन इस झुनझुने को नहीं लेंगे। उन्होंने ऐलान किया है कि यदि उनकी 21 सूत्रीय मांग पर कार्रवाई नहीं होती है तो वो आंदोलन करेंगी। आशा कार्यकत्रियों के 21 सूत्री प्रमुख मांगों में प्रतिमाह मानदेय 18 हजार रुपए करने, उन्हें इपीएफ व ईएसआई के दायरे में लाए जाने, राज्य कर्मचारी घोषित करने, अवशेष मानदेयों का भुगतान करने, कोविड-19 के दौरान काम करते हुए मृतक आशा कार्यकत्रियों के परिजनों को 5 लाख की राशि मुआवजे के तौर पर भुगतान करने सहित कई मांगे शामिल हैं।
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संवाद365/वाचस्पति रयाल