12 साल में एक बार होता है मालगांव में नगेला देवता का होम यज्ञ

March 7, 2019 | samvaad365

उत्तराखण्ड में कई देवी देवताओं का अपना विषेश महत्व है। ये महत्व इसलिये भी है क्योंकि देवभूमि की कई जगहों से इन देवी देवताओं की कहानियॉं जुड़ी हुई है। नागेन्द्र देवता की भी उत्तराखण्ड में मान्यता काफी ज्यादा है। नागेन्द्र देवता जिन्हें आम बोलचाल में नगेला देवता कहा जाता है जिनकी उत्पति  के बारे में बताया जाता है कि नागेन्द्र देवता की उत्पति कुमॉंउं मंडल में हुई थी। ये भी बताया जाता है कि गढवाल और कुमॉउ में नगेला देवता की उत्पति  कुल 365 स्थानों गद्दियों पर नगेला देवता प्रकट हुए थे. इनमें से पट्टी हिन्दाव का मालगॉंव भी एक स्थान हैं. गढवाल में नगेला देवता की ग्राम बजीरा पट्टी लस्या में गद्दी एवं उछना थाती के रुप में प्रसिद्व है. इसके बाद रतकोट एवं कुण्जोली सौड़ में नगेला की बिदीं है जो एक तीर्थ स्थान के रुप में जाना जाता है।

इसके बाद मालगॉंव में नगेला देवता की उत्पति सर्व प्रथम स्व0 गोविन्द सिंह मालध्या पर हुई लेकिन उनके ज्यादा दिन तक न रहने के कारण नगेला देवता ज्यादा प्रसिद्व नहीं हो पाये. इनके बाद स्व0 फते सिंह मालध्या उर्फ फतरु बाकी पर प्रकट हुए जो कि काफी चय परिचय के रुप में प्रसिद्व हुए. वर्तमान में यहां पर मैताब सिंह मालध्या बाकी है. नगेला देवता के पुजारी मालगॉंव के राणा परिवार है जिनमें सर्व प्रथम स्व0 माड़िया सिंह राणा उनके बाद स्व0 गौर सिंह राणा कई सालों तक पुजारी रहे. वर्तमान में कलम सिंह राणा  नागेला देवता के पुजारी हैं. नगेला देवता का होम यज्ञ प्रत्येक 12 साल में होता है। सर्व प्रथम कुण्जोली सौड़ में होम यज्ञ सम्पन किया गया। इसके बाद जब फतरु मालध्या  बाकी बने तब उनके घर पर यज्ञ किया गया. वर्तमान बाकी मैताब सिंह मालध्या के कार्यकाल में यह तीसरा होम यज्ञ इस साल सम्पन हुआ.

इस साल के होम की शुरुवात 6 फरवरी 2019 से हुई जिसमें सबसे पहले डोली पिण्डारो स्नान करने के बाद शिला सौड़ मॉं जगदम्बा के उत्पति स्थल पर गई और वहॉं से सीधे कुण्जोली सौड़ पहुॅंची जहॉं पर हवन पूजन करने के बाद डोली वापस मालगॉंव आई. 7 फरवरी को सुबह विधिवत होम सज्ञ पूजन की कार्यवाही शुरू हुई जिनमें मॉं नन्दा देवी, नागराजा देवता एवं नगेला देवता बगर की डोलियों ने शिरकत की. प्रत्येक दिन पूजा के बाद नागराजा एवं नगेला देवता बगर की डोलियो का नृत्य के साथ सभी बाकीयों ने भी श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया. आठवें दिन यानी 14 फरवरी को नित्य हवन के बाद जलघड़ी के लिये सभी डोलियों के साथ समस्त बाकी एवं पॉंच गॉंवो के पॉंच व्यक्ति जल घड़ी के लिये नगेला मगरा धारा में गये. वहॉं पर हवन पूजन करने के बाद जलघड़ी लेकर वापस होम यज्ञ स्थल पर पहुॅंचे.

अंत में 15 फरवरी को यज्ञ की पूर्णाहुति के साथ यज्ञ का समापन किया गया. इस हवन यज्ञ को विधि विधान से पूजन करने में नारायण दत्त थपलियाल शास्त्री पूर्व प्रधानाचार्य रा0इ0 का0 मथाकुड़ी सैण, यशोदानन्द थपलियाल वर्तमान रावल  मॉं जगदम्बा नौजूला हिन्दाव, कमलनयन थपलियाल, मंत्री प्रसाद अन्थवाल, जबदम्बा प्रसाद थपलियाल एवं प्रेम लाल अन्थवाल  ने अपना विषेश सहयोग दिया. नगेला देवता की समिति के वर्तमान अध्यक्ष सूरत सिंह नेगी के साथ समस्त समिति, केदार सिंह मालध्या एवं कुॅंवर सिंह नेगी का विषेश सहयोग रहा जिससे सम्पूर्ण कार्य शांति पूर्वक सम्पन्न हुआ।

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घनसाली/केदार सिंह माल्ध्या

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