उत्तराखंड के बेटे हो या बेटिया हर जगह उत्तराखंड का नाम रौशन किया है। चाहे वो दिव्या नेगी हो या बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में गोल्ड मेडलिस्ट प्रतिमा थपलियाल है। ऑस्कर पुरस्कार से सम्मानित डाक्यूमेंट्री फिल्म द एलीफेंट व्हिस्परर्स का नाम जैसे ही ऑस्कर अवॉर्ड समारोह में लिया गया तो उत्तराखंड के बेटे करन थपलियाल का तेज दुनिया के फलक पर बुलंद हो गया।
करन थपलियाल मूलरूप से उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के पाबौ ब्लाक स्थित ग्राम नौगांव मल्ला के निवासी है,। उनकी डाक्यूमेंट्री फिल्म लगातार दूसरी बार ऑस्कर के लिए चयनित हुई थी। करन थपलियाल के कैमरे से शूट हुई इस डॉक्यूमेंट्री ने न केवल देश का बल्कि उत्तराखंड का नाम भी ऊंचा कर दिया है। उन्होनें अपनी इस कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता को दिया। करन के पिता विनोद थपलियाल पेशे से फोटोग्राफर है और माता सुधा थपलियाल गृहणी। उनके पिता का शौक धीरे-धीरे करन को सिनेमेटोग्राफी के क्षेत्र में ले गया। करन ने नई दिल्ली स्थित श्री अरविंदो सेंटर फार आर्ट्स एंड कम्युनिकेशन से फिल्म मेकिंग एंड फाइन आर्ट्स में मास्टरस की है। द एलीफेंट व्हिस्परर्स एक नेटफ्लिक्स डॉक्यूमेंट्री है और इसे कार्तिकी गोंसालविज ने निर्देशित और गुनीत मोंगा ने प्रोडयूस किया ।
हाथी की देखभाल को दिखाया गया–
इस डाक्यूमेंट्री में अकेले छोड़ दिए गए हाथी और उनकी देखभाल करने वालों के बीच के अटूट रिश्ते को दिखाती है। इस कहानी का ही एक खास जुड़ाव उत्तराखंड से भी है।
पिता को देखकर मिली प्रेरणा–
करन के पिता पेशे से फोटोग्राफर थे। उनकी एक दुकान थी, जहां करन और उनका भाई अक्सर बैठा करते थे। बचपन में पिता को देखकर कैमरे की बारिकियां सीखी। पिता ने उन्हें बचपन में जो कैमरा थमाया था, वह आज उन्हें दुनिया के फलक तक ले गया। सिनेमेटोग्राफी की शुरूआती शिक्षा-दिक्षा पिता से लेने के बाद करन ने इस क्षेत्र में ही करिअर बनाने की ठानी।
अंकिता कुमाई
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