ऋषिकेश: एम्स ऋषिकेश में कैंसर करंटट्रेंस इन डाइग्नोसिस एंड मैनेजमेंट विषय पर कार्यशाला का आयोजन

May 2, 2019 | samvaad365

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में नेशनल सिंपोजियम ऑफ ब्रेस्ट कैंसर करंटट्रेंस इन डाइग्नोसिस एंड मैनेजमेंट विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें देश के विभिन्न मेडिकल संस्थानों से जुटे विशेषज्ञों ने ब्रेस्ट कैंसर के कारण व बचाव पर व्याख्यानमाला प्रस्तुत की। इस दौरान विशेषज्ञों ने लगातार बढ़ते ब्रेस्ट कैंसर के मामलों पर चिंता जताई व इसके समाधान के लिए देश में आधुनिकतम तकनीक की उपलब्धता व महिला जागरुकता पर जोर दिया।

एम्स परिसर में गुरुवार को नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज (नेम्स) के सहयोग से आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला का संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत ने कहा कि देश में महानगरों की तर्ज पर दूर दराज के इलाकों में भी स्वास्थ्य केंद्रों को सुविधा संपन्न बनाए जाने की जरुरत है। जिससे रोगियों को त्वरित व समुचित लाभ मिल सके। उन्होंने बताया कि वह देश में मरीजों को यूएसए  में संचालित मेओं क्लिनिक जैसी सु​विधा उपलब्ध कराना चाहते हैं। उनके स्तर से कई मेडिकल संस्थानों में इस दिशा में प्रयास भी किए गए। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि वह एम्स ऋषिकेश में भी इसी तरह पेसेंट फ्रेंडली एप्रोच को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रहे हैं,जिससे रोगी एक छत के नीचे स्वास्थ्य परीक्षण व उपचार संबंधी समुचित सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने ह्यूमन जिनोमिक्स स्टडी एंड इट्स इंपैक्ट ऑन सर्जिकल प्रेक्टिस विषय पर अपने व्याख्यान में बताया कि ट्यूमर के साइज से उसके बारे में कुछ नहीं बताया जा सकता, लिहाजा पेसेंट के स्वास्थ्य लाभ की दृष्टि से ट्यूमर का मोलिक्यूलर सिग्नेचर का पता होना आवश्यक है। एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने इसका पता लगाने के लिए टेस्टिंग सुविधा की उपलब्धता पर जोर दिया। बताया कि विदेशों में की जाने वाली तरह की टेस्ट सुविधाएं अभी देश में उपलब्ध नहीं है। लिहाजा इसका सस्ता व बेहतर विकल्प ढूंढने के लिए प्रयोगशालाओं को इस पर कार्य करने की जरुरत है। उन्होंने बताया कि मोलिक्यूलर सर्विस ही इस दिशा में प्रगति का विकल्प है लिहाजा सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में फंडिंग बढ़ानी होगी। उन्होंने विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए पारंपरिक तौर तरीकों से हटकर नए अपडेट्स की जानकारी के साथ पठन पाठन पर जोर दिया। आयोजन समिति की अध्यक्ष व हेड ऑफ इंटीग्रेटेड ब्रेस्ट कैंसर सेंटर सीनियर प्रोफेसर बीना रवि ने कार्यशाला के आयोजन के लिए नेम्स का आभार जताया। उन्होंने कांसेप्ट ऑफ इंटीग्रेटेड ब्रेस्ट केयर क्लीनिक विषय पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किस तरह एक ही स्थान पर चिकित्सक द्वारा रोगी का स्वास्थ्य परीक्षण,मैमोग्राफी, बायोप्सी आदि जांचें की जाती हैं। इसके बाद चिकित्सकीय दल मिलकर चर्चा के बाद रोगी के उपचार का प्लान तैयार करते हैं। प्रो. बीना रवि ने बताया कि एम्स संस्थान में आउटरीच प्रोग्राम के तहत ब्रेस्ट कैंसर एवेयरनेस के लिए संस्थान व अन्य स्थानों पर 25 से अधिक व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं। जिससे महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर को लेकर जागरुक हो सकें। प्रो. बीना रवि ने बताया कि संस्थान में शीघ्र ​प्रिवेंटिव ओंकोलॉजी ओपीडी शुरू करने की योजना है। वरिष्ठ सर्जन ने बताया कि ब्रेस्ट एवेयरनेस प्रोग्राम को मैटर्नल एंड चाइल्ड हेल्थ प्रोग्राम से जोड़ दिया जाना चाहिए, जिससे एएनसी क्लिनिक में परीक्षण के लिए आने वाली महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर को लेकर जागरुक किया जा सके। कार्यशाला में संस्थान के रेडियो थैरेपी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मनोज गुप्ता, एम्स दिल्ली को सर्जरी हेड प्रो. अनुराग श्रीवास्तव, केजीएमयू के कैंसर सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रो. अरुण चतुर्वेदी, सीआरसी जौलीग्रांट के डा. सुनिल सैनी, यूसीएमएस दिल्ली की डा. नवनीत कौर, राजीवगांधी कैंसर अस्पताल के कंसल्टेंट चतुर्भुज अग्रवाल, हैदराबाद के ब्रेस्ट इमेजिंग हेड डा. विरय्या कोफुला, डा. बीके जैन, डा. गीता के., प्रो. शालिनी राव,डा.स्वीटी गुप्ता आदि ने व्याख्यान दिया। इस अवसर पर आयोजन सचिव डा.अमित गुप्ता,प्रो. सुरेश शर्मा, प्रो. नीलोत्पाल चौधरी, डा.अंजुम,डा. राजेश पसरीचा, डा. मनीषा नैथानी आदि मौजूद थे।

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ऋषिकेश/हेमवती नन्दन भट्ट (हेमू)

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