रुद्रप्रयाग में उत्तर भारत का एक मात्र सिद्धपीठ भगवान कार्तिक स्वामी धाम बिजली से है वंचित

February 1, 2019 | samvaad365

रुद्रप्रयाग और चमोली जिले की सीमा पर उत्तर भारत का एक मात्र सिद्धपीठ क्रौंच पर्वत पर स्थिति भगवान कार्तिक स्वामी का धाम आज भी सीमा विवाद में फँसकर रह गया है।

 

धार्मिक पर्यटन और तीर्थाटन की अपार सम्भावनाओं को खुद में समेटे यह धाम आज भी बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहा है। वर्षभर श्रद्धालुओं और पर्यटकों से गुलजार रहने वाले इस धाम की उपेक्षा का आलम यह है कि यहां अभी साल में दो बड़े धार्मिक अनुष्ठान भी इस धाम में किये जाते हैं जिसके आयोजन में भारी दिक्कते आती हैं।  पानी भी इस धाम में आज तक नहीं पहुंच पाया है। रुद्रप्रयाग और चमोली की सीमा पर स्थिति होने के कारण दोनों जनपदों के नीति नियंता एक दूसरे का मुंह ताकते रहते हैं। उधर मंदिर समिति की ओर से लगातार जनपद स्तर से लेकर शासन स्तर तक लगातार इस संबंध में पत्राचार किया गया। पिछले दिनों जनपद दौरे पर आए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से जब इस संबंध में पूछा गया तो वे भी गोल मोल जवाब देकर कर्तव्यों की इतिश्री करते दखाई दिए। एक तरफ सरकारें पहाड़ के देवालयों और पर्यटक स्थलों को विकसित कर इन्हें रोजगार से जोड़कर पलायन पर अंकुश लगाने का दम भरती है तो वहीं उन धामों के प्रति सरकार का उदासीन रवैया यह जताने के लिए काफी है कि सरकार कभी पहाड़ों के प्रति गम्भीर दिखी ही नहीं।

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कुलदीप राणा/रुद्रप्रयाग

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