रुद्रप्रयाग: खुले आसमान के नीचे हैं ईशानेश्वर महादेव, केदारनाथ मंदिर से भी पहले हुआ था निर्माण

July 13, 2020 | samvaad365

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम में जिस मंदिर का निर्माण केदारनाथ के मंदिर से भी पूर्व हुआ, वह मंदिर केदारनाथ की आपदा में घ्वस्त हो गया था लेकिन बीते सात सालों में यह मंदिर खड़ा नहीं हो पाया है। कहा जाता है कि  विश्व प्रसिद्ध ग्यारवें ज्योतिर्लिंग बाबा केदारनाथ का मंदिर पाण्डवों द्वारा निर्मित किया गया है। जिसका आठवीं शताब्दी में आदि गुरू शंकराचार्य द्वारा पुर्ननिर्माण एवं जीर्णोद्धार किया गया था लेकिन केदारनाथ मंदिर के ईशान कोण में केदारनाथ के गुरू ईशानेश्वर महादेव का मंदिर केदारनाथ मंदिर से पूर्व निर्मित हो गया था। माना जाता है कि जिस किसी भी घर की बुनियाद रखने से ईशान दिशा में वास्तु पूजन की जाती है वैसे ही केदारनाथ मंदिर निर्माण से पूर्व ईशान कोण में ईशानेश्वर महादेव का मंदिर निर्मित किया गया था और आज भी परम्पराओं के अनुसार हर दिन केदारनाथ मंदिर की पूजा अर्चना से पूर्व ईशानेश्वर महादेव में पूजा की जाती है। लेकिन वर्ष 2013 की प्रलयकारी बाढ़ में यह मंदिर मलबे में ध्वस्त हो गया था। जिसका निर्माण बीते सात वर्षों से नहीं हो पाया है। आज भी ईशानेश्वर महादेव खुले आसमान में ही विराजमान हैं।

https://youtu.be/V5kLdk95Y6s

ज्योतिष के अनुसार विश्व में फैली कोरोना महामारी ईशानेश्वर महादेव का ही दोष है। सात सालों से ईशानेश्वर मंदिर का निर्माण न होने से भोले शंकर के गुरू रूष्ठ हो गये हैं। केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि इस मंदिर के निर्माण के लिए शासन प्रशासन को कई बार पत्राचार से लेकर मौखिक रूप से बताया जा चुका है बावजूद इसका निर्माण नहीं किया जा रहा है जो न केवल भक्तों की आस्था ठेस पहुंचाई जा रही है बल्कि भविष्य के लिए भी शुभ संकेत नहीं हैं।

आपको बताते चले कि इससे पूर्व में श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ही केदारनाथ में प्रबंधन का कार्य देखते थी। यात्राकाल में करोड़ों रूपयों की आय अर्जित करने के बाद भी व्यवस्थाओं के नाम पर हमेशा से समिति का रवैया उदासीन रहता था। बताया जाता है कि मंदिर समिति ईशानेश्वर महादेव के मंदिर बनवाने के लिए भक्तों की तलाश कर रही थी जो इसका निर्माण करवा सके लेकिन सात वर्षों से कोई भक्त न मिलने से मंदिर समिति ने भी इस मंदिर के निर्माण के लिए कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई।हालांकि अब देवस्थानम बोर्ड के अस्तित्व में आने से कुछ उम्मीदें जरूर बंधी हैं। अब देखना होगा कब तक मंदिर का निर्माण हो पाता है।

https://youtu.be/tOFXGkTO8y8

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संवाद365/कुलदीप राणा

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