रुद्रप्रयाग: आखिर क्या है रेतस कुण्ड का रहस्य ? महादेव के जाप से निकलते हैं पानी में बुलबुले… शिव की शक्ति आज भी विद्यमान है कुण्ड में… विज्ञान भी मानता है, ध्वनि से होती है कंपन…क्या भगवान शिव के जाप करने से वाकई बुलबुले उठते हैं। हमें भी यह विश्वास नहीं था लेकिन जब हमने नजदीक जाकर इसे अपने कमरे में कैद किया तो वाकई वाक्या हैरान कर देने वाला था। जो कुण्ड का पानी पहले शांत था उसी पानी में बम बम बोले, ऊँ नमः शिवाय, जय भोले के उद्वघोषों से वाकई अनेकों बुलबुल एका एक उठने लगे।
समुद्रतल से साढ़े ग्यारह हजार फीट की ऊँचाई पर बसे ग्यारवें ज्योतिर्लिंग बाबा केदारनाथ के धाम में आज भी कई ऐसी चमत्कारी और रहस्यमय कुण्ड हैं, जिनमें न केवल महादेव साक्षात दर्शन देते हैं बल्कि इन कुण्डों के पानी के स्पर्श मात्र से ही पुण्य की प्राप्ति होती है। केदारनााथ के रेतस कुण्ड के आगे विज्ञान भी चखमा खा जाता है, इस कुण्ड का पानी कभी खराब नहीं होता है। जबकि यहाँ भगवान शिव के जयकारें लगाने से महादेव बुलबुले के रूप में दर्शन देते हैं। आप भी देखिए हमारे संवाददाता खुद कुण्ड में जाकर दिखा रहे है.
https://youtu.be/tUVN74l2dY0
महाभारत काल से ही केदारनाथ में अनेक रहस्यों की कथाएं आपने जरूर सुनीं होंगी लेकिन यहाँ के इन चमत्कारी कुण्डों के बारे में शायद आपने नहीं सुना होगा। केदारपुरी का जायजा लेते हुए हमारी टीम जब इन कुण्डों तक पहुँची तो इन कुण्डों के रहस्य और चमत्कार को देखर हैरान रह गए।
हालांकि 2013 की आपदा के बाद इन कुण्डों को काफी क्षति पहुँची है। रेतस कुण्ड के ऊपर बना मंदिर काफी क्षतिग्रस्त हो गया है। जबकि केदारनाथ मंदिर के ठीक सामने दाईं ओर मौजूद उदव कुण्ड 2013 की आपदा में पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। जिसका पुर्ननिर्माण तो किया लेकिन अब उसमें केवल वर्षा का ही जल रहता है।
रेतस कुण्ड जैसे रहस्यमय और चमत्कारी कुण्ड आज भी देश-और दुनियां के श्रद्धालुओं की नजरों से ओझल है। सरकारों को चाहिए कि इस कुण्ड का पुर्ननिर्माण कर इसे भव्य बनाये ताकि इसकी ख्याति देश दुनियां में फैले.
https://youtu.be/p07byoYUhR0
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संवाद365/कुलदीप राणा