उत्तराखंड पुलिस की टैग लाईन मित्रता सेवा सुरक्षा बिल्कुल सटीक बैठती है. खासतौर पर यात्रा सीजन के दौरान बाहर से आने वाले वाले यात्रियों के लिए इन दिनों उत्तराखंड की मित्र पुलिस मित्र बनकर काम कर रही है. और मानवता की मिसाल पेश कर रही है. रूद्रप्रयाग पुलिस ने एक बार फिर से एक उदाहरण्र इसका पेश किया है. दरअसल केदारनाथ की यात्रा पर आए एक परिवार का 13 वर्षीय बालक अपने परिवार से बिछड़ गया था. ये बालक अपनी मां और बहन के साथ यात्रा करने आया था. रात को करीब 7 बजे घोड़ा पड़ाव के पास ये बालक बिछड़ गया. इस बालक का नाम आदित्य है. और कड़कड़ाती ठंड में आदित्य बारिश में भी काफी ज्यादा भीग गया था ठंड से कांप रहा था.
ये देखकर वहां मौजूद सब इंस्पेक्टर अरविंद बहुगुणा और कांस्टेबल दीपक मंमगाईं ने आदित्य के घरवालों से संपर्क किया. वो लोग उस वक्त लिनचोली में थे. उत्तराखंड पुलिस के जवान बालक को चौकी लाए कपड़े बदलकर बिस्तर पर सुलाया. और 3 घंटे बाद आदित्य की मां और बहन ठंड में ठिठुरते हुए चौकी पहुंचे. अपने बेटे आदित्य को आराम से सोता देख कर मां जोरों से रोने लगी जिसपर पुलिस द्वारा महिला का ढांढस बढ़ाया गया. मां की ममता देख कर और अपने बेटे से लिपटकर रोता देख कर पुलिस भी कुछ देर के लिए किंकर्तव्य विमूढ़ हो गयी. जिसके बाद कॉन्स्टेबल दीपक ममगाईं के द्वारा आदित्य को फिर से अलग कपड़े पहनाये गए और पूरे परिवार को बारिश से भीगे सर को पोंछने के लिए तौलिया दिया गया. और सबको पीने के लिए गरम पानी दिया गया. यानी की आदित्य और उसके परिवार के लिए उत्तराखंड पुलिस के जवान केदारनाथ में देवदूत बने और एक बच्चे को उसकी मां से मिलाया.
रूद्रप्रयाग/कुलदीप राणा
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