देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के मौके पर शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने स्कूलों में संस्कृत विषय की पढ़ाई को अनिवार्य कर दिया है। दरअसल, उत्तराखंड में परीक्षा बोर्डो से जुड़ें सभी सरकारी और निजी स्कूलों में तीसरी कक्षा से आठवीं कक्षा तक में संस्कृत विषय की पढ़ाई को अनिवार्य कर दिया गया है। जिसके बाद राज्य में संस्कृत भाषा को दूसरी राजभाषा का दर्जा दिया जा चुका है। वहीं इस विषय पर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने विधानसभा में शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम से बातचीत कर निर्देश दिया कि सभी सरकारी और निजी स्कूलों में कक्षा तीन से आठवीं तक संस्कृत विषय को अनिवार्य रूप से लागू किया जाए। शिक्षा मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि इस मामले में निजी स्कूलों की मनमानी बिल्कुल नहीं चलेगी और अगर किसी स्कूल ने प्राथमिक और उच्च प्राथमिक कक्षाओं में संस्कृत पढ़ाने से इंकार किया तो उस स्कूल को प्रदेश सरकार एनओसी देने से इन्कार कर देगी। इसके अलावा शिक्षा मंत्री ने कहा कि एनसीईआरटी की किताबों को लागू करने में लापरवाही बरतने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ अब कानूनी कार्यवाही भी की जाएगी। अभी तक स्कूलों के खिलाफ इस मामले में कानूनी कार्यवाही का प्रावधान नहीं है। कानूनी कार्यवाही के लिए नियमावली में व्यवस्था की जाएगी। बहरहाल, उत्तराखंड बोर्ड, सीबीएसई और आइसीएसई बोर्ड संबंधित सभी स्कूलों में संस्कृत विषय को पढ़ाने का निर्देश जारी कर दिया गया है।
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संवाद365/काजल