कुमाउ विश्व विद्यालय के वरिष्ठ भू वैज्ञानिक प्रो. बहादुर सिंह कोटलिया को मिला राष्ट्रीय भूविज्ञान अवॉर्ड

February 7, 2019 | samvaad365

कुमाउ विश्व विद्यालय के वरिष्ठ भू वैज्ञानिक प्रो. बहादुर सिंह कोटलिया को राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार दिया गया।  केंद्रीय खान मंत्रालय के राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार 2018 की घोषणा में उनका नाम शामिल हुआ। इससे पहले प्रोफेसर कोटलिया को दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित हम बोल्ट फेलोशिप मिल चुकी है।  जबकी अर्थबाथ एजूकेशन अवार्ड, आचार्य नरेंद्र देव मेडल, इंसा पुलिस एकेडमी फेलोशिप, सी ए एस फेलोशिप से भी नवाजा जा चुका है।

राष्ट्रीय भू विज्ञान पुरस्कार के लिए चुने गए प्रो. बीएस कोटलिया जलवायु परिवर्तन के ज्ञाता हैं। वह आंकड़ों के जोड़ तोड़ से बीस हजार साल की जलवायु के विषय में बताने के लिए जाने जाते हैं। वह बता सकते हैं कि बीस हजार साल पहले हिमालयन क्षेत्रों की जलवायु कैसी थी। किसी भी साल के विषय में कह सकते हैं कि उस साल हिमालय में कितनी और कहां बर्फबारी हुई थी। बारिश हुई थी या सूखा पड़ गया था। उन्होंने पश्चिमी विक्षोभ पर विशेष शोध कर यह बताया है कि इसे हल्के में लेना भारी पड़ सकता है। आज तक किसी भी वैज्ञानिक ने यह बात नहीं बताई थी।

प्रोफेसर कोटलिया झीलों, गुफाओं, पेड़ों पर शोध करते है। इन पर शोध करने के बाद ही वह बताते हैं कि आज से करीब 20 हजार साल पहले या उससे पहले हिमालयन क्षेत्रों की जलवायु कैसी थी। वही लबें समय से नैनीताल में नही हो रही बर्फबारी को लेकर भी प्रो कोटलिया ने भविष्यवाणी करी थी की फरवरी में एक बार फिर सरोवर नगरी में बर्फबारी होगी।

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नैनीताल/समीर साह

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