सारमगं एडवेंचर टूर्स के दो सदस्यों अनिल मोहन और आकाश रावत ने देहरादनू से गगोंत्री धाम और उत्तरकाशी जिले में हाल ही में खुले प्राचीन गरतांग गली की तीन दिवसीय साइकिल यात्रा पूरी की. इस साइकिल यात्रा का आयोजन पर्यटकों को इको टूरिज्म के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से किया गया.
इस तीन दिवसीय साइकिल यात्रा के दौरान दोनों साइकिलिस्ट काफी पर्यटर्यकों से मिले और उनसे इको टूरिज्म के बारे में चर्चा की और उनको जानकारी दी की कैसे वो भी इको- टूरिज्म में योगदान दे सकते हैं. चर्चा के मुख्य विषय थे
- अपने पीछे कोई कचरा ना छोड़ें
- हिमालय क्षेत्र में कुछ भी इधर उधर ना फेकें
- स्थानीय उपज वाली चीज़ें खाएं
- छोटी-छोटी दूरी तय करने के लिए साइकिल का प्रयोग करें
- साइकिल को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं
- सफर के दौरान प्रकृति का ध्यान रखें
- स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दें
अनिल मोहनने बताया की इस यात्रा के लिए साइकिल का चयन इसलिए किया गया क्योंकि साइकिल आपको प्रकृति से जोड़ती है और खदु इको टूरिज्म का बहुत अच्छा उदाहरण है. साइकिलिंग से हम पेट्रोल/डीज़ल बचा सकते हैं, वायु को प्रदूषित होने से बचा सकते हैं, प्रकृति के ज्यादा करीब
जा सकते हैं. साइकिलिंग यात्रा के दौरान हम कोशिश करते हैं कि अपने साथ कम से कम सामान रखें इस कारण हम यात्रा के दौरान खाने के लिए स्थानीय उत्पाद का प्रयोग करते हैं और स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदान देते हैं.
यह साइकि ल यात्रा 15 अक्टूबर 2021 को सबु ह 5:30 बजे देहरादनू के घंटाघर से शरूु होकर मसूरी, सुवाखोली, रोतु की बेली, मोरयाणा होते हुए शाम 6 बजे चिन्यालीसौड़ पहुंची. पहले दिन में दल ने कुल 115 किलोमीटर साइकिल चलाई.
दूसरे दिन की यात्रा चिन्यालीसौड़ से शरूु होकर उत्तरकाशी, काशी विश्वनाथ मंदिर, मनेरी, भटवाड़ी , गंगनानी, सुक्खी टॉप होते हुए हर्षिल में समाप्त हुई. दूसरे दिन दल ने लगभग 120 किलोमीटर साइकिल का सफर किया.
तीसरे दिन साइकिल दल हर्षिल से लंका पलु तक पहुंचा, यहाँ से प्राचीन गरतांग गली पैदल तय कर के
वापस लंका पलु से गंगोत्री धाम तक साइकिल यात्रा कर माँ गंगा के दर्शन कर यात्रा समाप्त की. तीसरे दिन दल ने कुल 35 किलोमीटर साइकिल से और 4 कि लोमीटर पैदल यात्रा की.
अनिल मोहन 2018 में यह साइकिल यात्रा पहले अकेले कर चकुे हैं, लेकिन आकाश रावत कि यह पहली लम्बी और किसी सन्देश को लेकर पहली साइकिल यात्रा थी. इस यात्रा कर आकाश रावत ने कहा की मुझे इस यात्रा में शामिल होने और सफलता पूर्वक समाप्त करने पर काफी ख़ुशी है, मझे इस बात की तसल्ली है की इस यात्रा के दौरान हमने काफी लोगों में साइकिलिंग करने की चाह जगाई. साथ ही इको टूरिज्म के बारे में लोगों को जागरूक किया.
(संवाद365,भगवान सिंह)
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