एक लंबे इंतजार के बाद आखिरकार प्रतापनगर क्षेत्र की जनता की मुराद पूरी हुई, आठ नवंबर की तारीख इस क्षेत्र के लोगों के लिए हमेशा यादगार रहने वाली है। 21वें राज्य स्थापना दिवस से एक दिन पहले यानी कि 8 नवंबर को ऐतिहासिक डोबराचांठी पुल का उद्घाटन क्षेत्र के लोगों के लिए कर दिया गया। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने डोबरा पहुंचकर इस पुल का उद्घाटन किया, और पुल को क्षेत्र और प्रदेश की जनता को समर्पित किया
डोबरा चांठी पुल के उद्घाटन का इंतजार सभी को बेसब्री से था। पुल के उद्घाटन के लिए विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें क्षेत्र के कई लोग मौजूद रहे। इस पुल का उद्घाटन होने के बाद अब इसपर आवागमन भी शुरू हो चुका है।
आपको बता दें इस पुल का इंतजार यहां के लोग 14 सालों से कर रहे थे। 2005 से प्रतापनगर क्षेत्र को जोड़ने वाले पुल टिहरी बांध की झील बनने से जलमग्न हुए थे, जिससे प्रतापनगर तथा उत्तरकाशी जिले के गाज़ना पट्टी सहित दो लाख लोगों के सामने आवागम की समस्या थी। प्रतापनगर क्षेत्र की जनता को जिला मुख्यालय पहुंचने में 100 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी, लेकिन अब डोबरा चांठी पुल बनने से जिला मुख्यालय मात्र 45 किलोमीटर दूरी रह गया है.
टिहरी झील पर भारत का सबसे बड़ा मोटरेबल सस्पेंशन पुल नई तकनीक का उदाहरण है, ये पुल 18 टन तक के वाहनों का भार सहन कर सकता है। इस पुल पर तीन अरब रूपए खर्च हो चुके हैं, लेकिन अब लोगों की मुराद पूरी हो चुकी है और उम्मीद है कि ये पुल इस क्षेत्र में पर्यटन के लिए भी कई संभावनाएं खोल देगा।
(संवाद 365/बलवंत रावत)
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