टिहरी: टिहरी हाइड्रो डेवलेपमेन्ट कॉरपोरेशन में कार्यरत एक कर्मचारी ऐसा भी है, जो कहीं भी किसी गोवंश को घायल और बीमार अवस्था में देखता है, तो उसे अपने पास रख लेता है। उसका इलाज कराता है और पालन पोषण भी करता है। इसे सेवा भाव ही कहेंगे कि यह काम वह पिछले 10 सालों से लगातार करते आ रहे हैं। निस्वार्थ काम रहे हुकुम सिंह रावत ने अपने कार्यालय के पास ही इन गौ वंश को रखने का इंतजाम किया है।
टीएचडीसी में अच्छी खासी तन्ख्वाह पाने वाले हुकुम सिंह रावत अपनी ड्यूटी के अलावा घायल और बीमार गौवंश की सेवा में लगे हैं। एक दिन ट्रक की चपेट में आये एक बछड़े की हालत जब उनसे देखी नहीं गई तो वह उसे अपने पास ले आये। इलाज और देख रेख की तो बछड़ा स्वस्थ हो गया। तब से उनके मन में बेजुबान पशुओं की सेवा करने की इच्छा जगी। अपने ही कार्यालय के पास एक टीन शेड बनाया और अब उनके पास 24 गोवंश मौजूद हैं।
इलाज करते करते हालांकि कई गोवंश ने दम तोड़ दिया लेकिन हुकम सिंह ने हिम्मत नही हारी। जंहा भी सड़क पर कोई घायल या बीमार गोवंश दिखता है, उसे वह अपने पास ले आते हैं। हुकम सिंह बताते हैं इस सबके लिये वह किसी प्रकार की सरकारी सहायता नही लेते हैं। बल्कि आस पास के ग्रामीणों से घास चारा खरीदकर इन बेजुबान पशुओं को पालते हैं। इन पशुओं के कारण वह तीन साल तक अपने घर नही गये। उनका कहना है कि ये पशु जब तक दूध देते है, तब तक लोग इन्हे पालते है ओर बाद में सड़कों पर छोड़ देते हैं, जबकि ऐसा नही होना चाहिये।
कोटी कालोनी के पास पशुओं की लगातार सेवा करते देख इनके अन्य साथियों ने भी अब इनकी मदद करनी शुरू कर दी है। वर्तमान में इनके साथ 30 अन्य लोग भी जुड़े हैं। कुछ महिलाये तो मुप्त में गायों के लिये चारा पत्ती भी ला रही हैं। उनका कहना है कि सरकारों को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए.
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संवाद365/बलवंत रावत