टिहरी: पूरी नहीं हो पायी श्रीदेव सुमन की घोषणायें

July 25, 2020 | samvaad365

टिहरी: टिहरी को राजशाही के अन्याय से आजादी दिलाने वाले अमर शहीद श्रीदेव सुमन की 84 दिन की ऐतिहासिक भूख हड़ताल को आज लोग भूल चुके है, आलम ये है कि श्रीदेव सुमन के नाम पर हुई घोषणाएं सिर्फ घोषणाएं बनकर रह गई है उन पर धरातल में एक भी काम नहीं हुआ है.

टिहरी जिले के बमुंड पट्टी के गांव जौल में श्रीदेव सुमन का जन्म 25 मई 1916 को हुआ था. स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने के बाद जब वो टिहरी पहुंचे तो राजशाही के अत्याचारों के खिलाफ उन्होंने लोगो को लामबंद करना शुरू कर दिया. टिहरी को राजशाही से आजादी दिलाने के लिए उन्होंने ऐतिहासिक 84 दिन की भूख हड़ताल भी की और अपने प्राणों को त्याग दिया. सुमन के नाम पर हर वर्ष कई घोषणाएं होती है जिनमें उनके पैतृक मकान को संग्राहलय, सुमन स्मारक और सड़क बनाना था लेकिन आज तक वो घोषणाएं पूरी नहीं हुई।

आज भी टिहरी जेल के पास ही श्रीदेव सुमन की मूर्ति और उनकी बेड़ियां रखी हुई है और सुमन दिवस के अवसर पर टिहरी जिले को आम पब्लिक के देखने के लिए सुबह 10 बजे से 4 बजे तक खोला जाता है लेकिन इस बार कोविड के चलते टिहरी जेल बंद है. सुमन के नाम पर हुई घोषणाओं के पूरा नहीं होने पर डीएम का कहना है कि इस संबध में वार्ता की जाएगी और देखा जाएगा आखिर क्यों घोषणाएं पूरी नहीं हुई।

वहीं सुमन की 67वीं पुण्यतिथि पर जिला अधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने जिला कारागार नई टिहरी पहुंच कर जेल में स्थापित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रदांजलि अर्पित की। इसके उपरांत जिलाधिकारी ने कारागार परिसर में वृक्षारोपण कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए पौध रोपण किया।

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संवाद365/बलवंत रावत, वाचस्पति रयाल

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