थराली: थराली में स्थानीय युवाओं और वात्सल्य गौसेवा समिति के सदस्यों ने पिण्डर नदी में फंसी गाय का रेस्क्यू कर पशुपालन विभाग से घायल गाय का इलाज करवाया, इसके साथ ही आये दिन गौवंश के साथ घटित हो रही इस तरह की घटनाओं का ठीकरा नगर पंचायत थराली पर फोड़ते हुए कहा कि नगर पंचायत के गठन के बाद से ही थराली में गौसदन या गौशाला बनाये जाने की मांग की जाती रही है. लेकिन स्थानीय लोगो की इस माँग को 2 वर्ष बाद भी अमलीजामा न पहनाया जा सका. जिसका नतीजा है कि गौवंश सड़को पर दर दर भटकने को मजबूर है.
लोगों का कहना है कि कि आये दिन भोजन की तलाश में कभी नालों मे तो कभी गधेरों में तो कभी पिंडर नदी के किनारे भटकते हुए कई गाय तेज धार में फंस जाती हैं। गौसेवा समिति के युवा सदस्यों ने इस तरह की घटनाओं के लिए उन लोगो को जिम्मेदार ठहराया जो लाभ लेने के बाद अपने इन पालतू पशुओं को बाजार में छोड़ रहे हैं.
इन लोगों ने गाय को रेस्क्यू कर बाजार के बीचों बीच कंधे पर ले जाते हुए नगर पंचायत के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, गाय का रेस्क्यू करने वाले युवाओं का रोष नगर पंचायत के प्रति इसलिए भी था क्योंकि नगर पंचायत को सूचना देने के बावजूद नगर प्रशासन राहत बचाव कार्य के लिए समय पर मौके पर नही पहुंच पाया. गौरक्षकों ने कहा कि नगर पंचायत के चुनाव हुए 2 वर्ष होने को आये हैं, लेकिन नगर प्रशासन न तो आवारा पशुओं पर लगाम लगा सका है और न ही इन मूक पशुओं के लिए अब तक किसी तरह की गौशाला तक बना पाया है।
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संवाद365/गिरीश चंदोला