उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग की लपटें अब उत्तराखंड शासन तक पहुंच गई है. जी हां आप सोच रहे होंगे की आग तो उत्तराखंड के जंगलों में लगी है फिर लपटें शासन तक कैसे पहुंच गई. जंगलों में लगी आग के बाद वन विभाग के चार जिम्मेदार अफसरों के विदेश दौरे पर आने और वन मंत्री हरक सिंह रावत को इसकी जानकारी न होने से मामले ने तूल पकड़ दिया है. वन मंत्री हरक सिंह रावत के आग की लपटों से भरे पत्र के जरिए उत्तराखंड के जंगलों में जो आग लगी हुई थी पत्र की माध्यम से वो लपटे कार्मिक सचिव के पास पहुंच गयी है.
हरक सिंह की नाराजगी की दो वजह
हरक सिंह रावत काफी खफा है और उनकी नाराजगी की दो वजह है. पहली तो ये कि उत्तराखंड के जंगलों में आग लगी हुई है और प्रमुख वन संरक्षक जिनके पास पूरे विभाग की जिम्मेदारी है वो कैसे विदेश चले गए. और दूसरी नाराजगी इस बात की है कि उनके विभाग के जिम्मेदारी पूरी तहर से जिन कंधों पर यानी प्रमुख वन संरक्षक के ऊपर है वो विदेश चले जाते हैं और वन मंत्री को इस बात का पता तक नहीं होता है. इसी बात से नाराज हरक सिंह रावत ने कार्मिक सचिव को पत्र लिखा है कि प्रमुख वन सरंक्षक जयराज के विदेश जाने के बारे में कार्मिक विभाग ने उनसे क्यों नहीं पूछा.
वन मंत्री हरक सिंह रावत का कहना कि उन्हें केवल 3 अधिकारियों के विदेश जाने की फाइल प्राप्त हुई थी. जिसे उन्होंने मंजूरी दी थी लेकिन उन 3 अधिकारियों में प्रमुख वन संरक्षक नहीं हैं और अगर उन्हे ये मालूम होता तो वह शायद प्रमुख वन सरंक्षक के विदेश दौरे को मंजूरी नहीं देते क्योंकि इस समय उत्तराखंड के जंगलों की रक्षा करना विभाग के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. हरक सिंह रावत का कहना कि प्रदेश में अधिकारी गलत परम्पराओं को जन्म दे रहे हैं.
वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि मुझे नजरअंदाज किया जायेगा तो वो इस्तीफा दे देंगे.
उत्तराखंड के जंगलों की आग अब वन मंत्री के इस्तीफे तक पहुंच चुकी है. इस्तीफे की वजह कुछ भी हो लेकिन इस वक्त हरक सिंह रावत ने एक बार फिर से सियासी गलियारों को हिला कर रख दिया है.
देहरादून/ कुलदीप
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