हल्द्वानी के हाउल संस्था के लोग आवारा जानवरो की कर रहे मदद ,इंसानियत आज भी जिंदा है

June 6, 2021 | samvaad365

आज के समय लोगो के पास किसी की मदद करने के लिए समय नही है , तो जानवरो की मदद करना तो दूर की बात, लेकिन हल्द्वानी के कुछ लोग ऐसे है जो आवारा जानवरो की मदद कर रहे जिनको देख कर कहा जा सकता है इंसानियत आज भी जिंदा है । आपने अक्सर शहर की सड़कों में गलियों में आवारा कुत्ते घूमते नजर आएंगे लेकिन उनकी और कोई ध्यान नहीं देता , कई बार हमने पेट लवर तो देखे हैं लेकिन जब हकीकत की बात आती है तो उन ऐसे डॉग्स तो जो पूरी तरह से बीमार है उनको लोग हाथ लगाने में भी घबराते हैं , लेकिन फिर भी अपने आपको पैट लवर कहते है।लेकिन कुछ ऐसे लोग भी है जो पूरी लगन है ऐसे आवारा डॉग की हेल्प कर रहे है जिनकी हालात बहुत खराब है ।हल्द्वानी के हाउल संस्था के लोग आगे आए हैं जो लगभग डेढ़ साल से आवारा जानवरों की मदद कर रहे हैं , हल्द्वानी के हाइडिल क्षेत्र के पास स्थित शेल्टर हाउस में कुल 18 से 20 स्ट्रीट डॉग हैं जिनमें से कुछ डॉग्स पैरालाइज हैं , ऐसे में इस संस्थान के सदस्य अपनी पूरी लगन से इन जानवरों की मदद कर रहे हैं।

हाउल संस्था ने बताया की हमने इसकी शुरुआत दो-तीन लोगो से मिलकर की थे और आज हमारे साथ लगभग 20 वालंटियर है जो सड़क में घूम रहे आवारा जानवरों की हर संभव मदद करते हैं ।वही इन्होंने एक whatsapp ग्रुप बना रखा है जिसमें लोग अपने ओर से भी मदद पहुंचाते हैं।  शहर के अन्य क्षेत्रों में भी घूम रहेे आवारा जानवरों की संस्था केेेे वॉलिंटियर्स के द्वारा  खाना और उनके ट्रीटमेंट का ध्यान रखा जाता है । एक शेल्टर हाउस खोला गया है और जितने भी आवारा जानवर सड़कों पर घूमते हमें नजर आते हैं हम उनको अपने साथ लेकर उन जानवरों का ट्रीटमेंट भी करते हैं उनको अच्छा फूड भी प्रोवाइड करवाते हैं लगभग इस 15 से 18 आवारा डॉग है इनका ट्रीटमेंट हम यहां करवाते हैं इसके साथ-साथ अन्य लोग भी हम को व्हाट्सएप के माध्यम से मदद पहुंचाते हैं। कोई फाइनेंशली मदद करता है तो कोई इन जानवरों के लिए फूड्स की व्यवस्था करता है बाकी हम सब लोग अपने और से फाइनेंशली मदद करके इनके लिए मेडिसन मुहैया कराते है। ऐसे में स्थानीय लोग भी अब आगे आ रहे हैं और  इनके कार्यों की प्रशंसा कर रहे हैं । लोगो का कहना है कि सभी लोग को मिलजुलकर इस तरह के संस्था के साथ जुड़ना चाहिए और जो आवारा घूम रहे जानवर है उनकी मदद करनी चाहिए ।

संवाद365,डेस्क

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