विश्व प्रसिद्ध हिमक्रीड़ा स्थली औली आजकल मार्च के महीने में भी बर्फ से लकदक है। जबकि पिछले कई वर्षों में मार्च के महीने में औली समेत सभी पहाडों पर हरी घास उगना शुरू हो जाती थी, लेकिन इस बार पहाड़ों में हुई भारी बर्फबारी के कारण औली में आज भी लगभग 4 से 5 फिट बर्फ मौजूद है। जो कि औली की खूबसूरती को चार चांद लगा रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप यहां पर देसी एवं विदेशी पर्यटकों का हुजूम लगा हुआ है। पर्यटक दूर-दराज अलग-अलग राज्यों से आकर इसका दीदार कर रहे है।
औली में पर्यटकों की सुविधा के लिये सरकार द्वारा चियर लिफ्ट की भी व्यवस्था की गई है। जिसका जिम्मा गढ़वाल मण्डल विकास निगम लिमिटेड औली जोशीमठ को दिया गया है। पर्यटकों का कहना है कि निगम आजकल मौके का फायदा उठा रही है पुराने 300 रुपये वाले टिकटों को 500 रुपये का ओवर प्रिंट कर बेचा जा रहा है। जिससे ज्यादातर पर्यटक पैदल ही बर्फ में चलने के लिए मजबूर हैं।
वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि निगम द्वारा औली में समय समय पर तुगलकी फरमान अपनाया जाता है। इससे पहले भी जनवरी में बर्फ पर चलने के लिए रुपये लेने का फरमान सुनाया गया था। जिसका कि स्थानीय लोगों द्वारा पुरजोर विरोध किया गया था। हालांकि उसे बाद में टाल दिया गया। अब उसकी भरपाई चियर लिफ्ट का किराया बढ़ाकर किया जा रहा है। जिससे वे बहुत दुःखी है। जीएमवीएन द्वारा औली में कहीं पर भी कूड़ादान नहीं लगाया गया है। जिससे औली में जहाँ तहाँ प्लास्टिक की बोतलें एवं चिप्सों के पैकेट बर्फ में पड़े हुए हैं। जो कि स्वच्छ भारत अभियान को पलीता लगा रहा है।
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चमोली/पुष्कर नेगी