कभी सुना था कि देश की रक्षा करने के लिए अपने प्राण हथेली पर रखकर चलना होता है। इस बात पर आज यकीन भी हो गया। देश ने एक दिन में पलक झपकते ही अपने 40 जवान खो दिए। फिर एक के बाद एक शहीदों की शहादत का करवां बढ़ता चला गया। 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों पर आतंकवादियों ने आइईडी से कायराना हमला किया।
जिसमें देश ने अपने 40 जवान खो दिए। इन जवानों में देवभूमि के दो लाल भी शहीद हुए जिनमें उत्तरकाशी जिले के चिन्यालीसौड़ बनकोट गांव के जांबाज जवान मोहनलाल रतूड़ी और उधमसिंह नगर के खटीमा में रहने वाले वीरेंद्र सिंह भी शामिल थे।
जैसे तैसे उत्तराखंड अपने इन दो जवानों को खोने के गम से उभर ही रहा था कि शनिवार को एक और सिपाही भारत मां की गोद में हमेशा के लिए सो गया। देहरादून में रहने वाले मेजर चित्रेश बिष्ट ने देश के नाम अपने प्राणों की आहूति दे दी। चित्रेश सेना की 55 इंजीनियरिंग रेजिमेंट में तैनात थे। जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में एक IED को defuse करते वक्त उनकी जान चली गयी।
वहीं अबतक शहीद चित्रेश का पार्थिव शरीर उनके घर तक भी न पहुंच पाया था कि खबर आई कि उत्तराखंड का एक और बेटा देश की सेवा में शहीद हो गया है।
रविवार जम्मू-कश्मीर में 55 राष्ट्रीय राईफल में तैनात मेजर विभूति कुमार ढौंडियाल आतंकवादियों से मुठभेड़ करते वक्त शहीद हो गए। दुश्मन से लोहा लेते समय शहीद विभूति के साथ तीन और सिपाही भी शहीद हुए। शहीद विभूति देहरादून के नेश्विवला रोड के रहने वाले थे।
सरहद पर जहां वीर जवान शहीद हो रहे हैं वहीं देश नम आंखों से उन्हें शुक्रिया कर रहा है, शुक्रिया इस बात का कि ये वीर जवान अपने अपनो को छोड़ अपने देश के लिए अपनी जिंदगी लुटा गए। देश को एक बार फिर एकजुट कर गए। आज सोया हुआ देश का हर शख्स सड़क पर आ पहुंचा है ये भीड़ बस बदला चाहती है अपने वीर जवानों की शहादत का। देश का हर युवा, बुजुर्ग, महिला, बच्चा बस बदले की ज्वाला की आग में धधक रहे हैं। गम है कि हमने अपने वीर सैनिक खो दिए मगर एक आग भी है जो बदला चाहती है, दुश्मन को सजा दिलाना चाहती है। हर तरफ पाकिस्तान विरोधी नारे, और वंदे मातरम की गूंज इस बात का प्रमाण है कि अब भूखा शेर जाग चुका है अब न ये सोयेगा और न सोने देगा। संवाद365 अपने शहीदों की शहादत को शत् शत् नमन करता है। शहीद जवान अमर रहे।
यह खबर भी पढ़ें-पुलवामा में आतंकी मुठभेड़, देवभूमि के लाल समेत चार जवान शहीद
यह खबर भी पढ़ें- घर पहुंचा शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट का पार्थिव शरीर, सलामी देने उमड़ा जनसैलाब
संवाद365/काजल