देहरादून के परेड ग्राउंड में आजादी के दिन हज़ारों लोगों ने मनाया गया था जश्न, आज भी जारी है ये परंपरा

August 15, 2022 | samvaad365

15 अगस्त 1947 को देहरादून में जश्ने आजादी का उल्लास सिर चढ़कर बोल रहा था। जहां अंग्रेजी सैनिकों की कदमताल और मार्च पास्ट होता था। वहां पर खिलखिलाते बच्चे, ऊर्जावान युवा व अतीत के संघर्षमय जीवन से तपे हुए बुजुर्ग चले आ रहे थे। जनकवि डा.अतुल शर्मा बताते हैं कि 1946 में फिरोजपुर जेल के रहते हुए उनके पिता स्वाधीनता संग्राम सेनानी व कवि श्रीराम शर्मा ने कई कविताएं लिखी।

इनका संग्रह आजादी के साल में प्रकाशित हुआ था। देहरादून से छापी गई इस पुस्तक की भूमिका लोक नायक जयप्रकाश नारायण ने लिखी थी। अतुल शर्मा बताते हैं कि उनके पिता अक्सर बताते थे कि उस दिन हिन्दू नेशनल स्कूल में विराट कवि सम्मेलन हुआ था। इसमें कवियों के स्कैच बनाये गये और उन्हें सम्मानित किया गया।

पन्द्रह अगस्त के दिन देहरादून के आसपास देहात से हजारों लोग परेड ग्राउंड, पैवेलियन में पहुंचे थे। तब ये दोनों ग्राउंड एक ही थे। टाउन हाल मेें कवि सम्मेलन, मुशायरा और कवि दरबार एक ही दिन होना शुरू हुआ था। जो वर्षों तक चलता रहा। आज भी यह परंपरा जारी है। मिडफोर्ड हाउस, देहरादून टी कंपनी में भी कार्यक्रम हुआ था। मन्नूगंज मोहल्ले में हर साल 15 अगस्त और 26 जनवरी को तिरंगा फहराया जाता है। आजादी के पहले पर्व पर भी इसी जगह तिरंगा फहराया था। पहले स्व.फकीरचंद ने इस परंपरा को बरकरार रखा। अब ओमप्रकाश प्रजापति इस परंपरा को निभा रहे हैं। ओमप्रकाश प्रजापति ने बताया कि 15 अगस्त 1947 को मन्नूगंज में तिरंगा फहराया गया था।

संवाद 365, दिविज बहुगुणा

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