कुमाऊंनी कविताओं के मशहूर कवि शेरदा अनपढ़ की आज पुण्यतिथि है । शेरदा अनपढ़ ने कुमाऊनी कविताओं को सबसे पहले पहचान दिलाई थी । शेरदा अनपढ़ की आज पुण्यतिथि है उनका जन्म 13 अक्टूबर 1933 को अल्मोड़ा के माल गांव में हुआ था, शेरदा अनपढ़ थे लेकिन उसके बावजूद भी उनकी कविताओं में वह सब कुछ था जो एक कवि की कविताओं में होता है.. उनकी कविताओं में पूरा पहाड़ समाया और यहां का जीवन यहां कल दोपहर का दर्द यह सभी शेरदा अनपढ़ की कविताओं में आपको पढ़ने को मिलेगा । शेरदा ने कभी स्कूल का मुंह नहीं देखा लेकिन 5 साल की उम्र में उन्होंने पहली नौकरी की और जिस शिक्षिका वहां वो नौकरी करते थे उन्होंने ही उन्हें प्राथमिक शिक्षा दी और कुछ इस तरह काम करके बाद में शेरदा फौज में भर्ती हो गए ।शेरदा ने ये कहानी है नेफा और लद्दाख की ,दीदी-बैणी ,मेरी लटि -पटि .जाँठिक घुँडुर , हमार मैं-बाप,फचैक आदि कविताएं लिखी है ।उनका लिखा हुआ साहित्य खजाना हमेशा अमर रहेगा। 20 मई 2012 में उनकी मृत्यु हो गई थी। शेरदा की पुण्यतिथि पर संवाद365 उन्हें नमन करता है।
संवाद365,डेस्क
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