सितारगंज में नदी किनारे खनन करने वाले माफियाओं के खिलाफ दर्ज होगा मुकदमा

January 12, 2019 | samvaad365

नदी के किनारे के खेतों से मिट्टी की परमिशन के नाम पर नदी से सिल्ट का खनन कर रहे खनन माफियाओं के खिलाफ एसडीएम ने मुकदमा दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं। नदी से निकाली गयी सिल्ट की नापजोख कर जुर्माने के लिये डीएम को रिपोर्ट भेजी। नदी के किनारे के खेतो से मिट्टी की परमिशन पर एसडीएम ने लगायी रोक।

तीन दिन पूर्व सितारगंज उपजिलाधिकारी ने ग्राम तुर्का तिसौर में दो ट्रैक्टर ट्रालियां पकड़ी थीं। उनकी जांच की गई तो उनमें कैलाश नदी की सिल्ट पाई गई। जांच में पता चला कि ग्रामीण ने नदी के किनारे के खेत से मिट्टी खनन की अनुमति ली थी। उसी खनन के नाम पर नदी से सिल्ट निकाली जा रही थी। मामले में तीन लोगो के नाम प्रकाश में आये थे।  एसडीएम ने राजस्व और खनन विभाग से कैलाश नदी से निकाली गयी सिल्ट की नाप जोख करायी थी। जिसमे नदी से 441 घनमीटर अवैध रूप से सिल्ट निकालने की पुष्टि हुई। एसडीएम सितारगंज ने नदी से निकाले गये अवैध खनन की रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी गयी है ताकि अवैध खनन के आरोपियों से जुर्माना वसूला जा सके। साथ ही एसडीएम ने अवैध खनन के आरोपियों को ब्लैक लिस्टेड कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश कर दिये है। वही अब नदियों के किनारे के खेतो से मिट्टी के खनन की अनुमति नहीं देने का आदेश दिया है। प्रशासन के कड़े रूख से मिट्टी खनन माफियाओं में हड़कंप मचा हैं।

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सितारगंज/दीपक चंद्रा

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