उत्तराखंडी शाॅर्ट फिल्म छल का विमोचन

December 3, 2019 | samvaad365

देवभूमि उत्तराखंड में पलायन की समस्या सबसे विकट है. पलायन का सीधा असर आज पहाड़ी सभ्यता के साथ साथ यहां रीति रिवाजों और धार्मिक मान्यताओं पर भी पड़ रहा है. लेकिन देश और दुनिया के कई हिस्से इस बात का उदाहरण हैं कि इन चीजों का संरक्षण सिनेमा के माध्यम से भी किया जा सकता है. उत्तराखंड का क्षेत्रीय सिनेमा हालांकि कुछ समस्याओं से जरूर जूझ रहा है लेकिन फिल्म निर्माता और कलाकार लगातार इस कोशिश में रहते हैं कि सिनेमा के माध्यम से लोगों को एक संदेश दिया जा सके. और इसी तरह का संदेश देती है उत्तराखंडी शाॅर्ट फिल्म छल. सरगम म्यूजिक की ओर से बनाई गई इस शाॅर्ट फिल्म का विमोचन कार्यक्रम चंबा में किया गया.

फिल्म के जरिए यह दर्शाने की कोशिश की गई है कि अगर आप पलायन कर अपने घर गांव से दूर हो चुके हैं तो जरूर आपको एक बार वापस आना चाहिए. जिन देवी देवताओं और धार्मिक मान्यताओं को आप भूल चुके हैं उनसे आपको एक बार फिर जुड़ना चाहिए. इस शाॅर्ट फिल्म का प्रीमियर सरगम म्यूजिक के यू ट्यूब चैनल पर किया गया. फिल्म की ड्यूरेशन 35 मिनट है.

इस फिल्म के निर्माता विवेक नवानी और मोर सिंह हैं. निर्देशन और कैमरा सोनी कोठियाल ने किया है, फिल्म के एडिटर नागेंद्र प्रसाद, स्टोरी विवेक नवानी ने लिखी है. पटकथा सतेंद्र चौहान ने इस फिल्म में अपनी आवाज दी है. गायक धनराज सौर्य, संजना आर्य व राजेश जोशी ने. संगीत रंजीत सिंह व संजय राणा ने दिया है. बैक ग्राउंड म्यूजिक विक्की जुयाल ने दिया है. तो वहीं मुख्य कलाकार हैं विवेक नवानी, रणवीर चौहान. दीपक व्यास, निशा चौहान, आनंद राणा, सुमन गौड़, नवल सेमवाल, भावना नेगी, पदम गुसांई

इस फिल्म के कलाकारों ने सभी दर्शकों से अपील की है कि एक बार जरूर फिल्म को देखें फिल्म काफी अच्छा संदेश देती है. और इस संदेश को भी सभी दर्शक अमल में लाएं.

वहीं छल फिल्म के विमोचन के दौरान वरिष्ठ कलाकार और निर्देशक पदम गुसाईं ने कहा कि उत्तराखंडी सिनेमा कई समस्याओं से जूझ रहा है लेकिन आज के समय में अब प्रदेश सरकार भी फिल्म मेकर्स के लिए कई तरह से काम कर रही है, अगर इसी तरह से काम होते रहें तो जरूर फिल्म निर्माताओं का हौसला बढ़ेगा और उत्तराखंडी क्षेत्रीय सिनेमा भी परवान चढ़ेगा.

पिछले एक लंबे अरसे से कई समस्याओं से जूझ रहे उत्तराखंड के क्षेत्रीय सिनेमा के लिए ये एक अच्छी खबर है कि लगातार फिल्म निर्माता फिल्मों का निर्माण कर रहे हैं. और सरकारी स्तर पर उन्हें मदद भी मिल रही है. लेकिन इसमें दर्शकों के सहयोग की भी जरूरत है. तो जरूर आप भी इस फिल्म को देखिए. और प्रतिक्रियाएं भी दीजिए ताकि उत्तराखंडी सिनेमा दर्शकों की उम्मीदों पर भी खरा उतर सके.

(संवाद 365/ बलवंत रावत)

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