उत्तरकाशी: कोरोना महामारी के चलते इन दिनों पहाड़ के कई युवा घरों की ओर वापस आ गए हैं. जिसके चलते बंजर पड़े गांव फिर से आबाद होने लगे हैं. वापस पहाड़ की ओर लौटे ये युवा घरों में रहकर इन दिनों गांवों को सवारने में लगे हैं. सोशल मीडिया में ऐसी कई वीडियों और फोटो सामने आ रही हैं जिसमें युवा गांवों में खेतीबाड़ी, साफ सफाई और बागवानी करते हुए नजर आ रहे हैं. ऐसे ही एक युवा हैं उत्तरकाशी के डुंडा ब्लॉक के चतर सिंह पंवार जो कि देहरादून में अपना रेस्टोरेंट चलाया करते थे, लेकिन कोरोना के चलते उनका होटल बंद हो गया है. इसके पहले वो दुबई के होटल में काम करते थे. लेकिन पहाड़ के प्रति प्रेम की वजह से वो वापस उत्तराखंड की तरफ आ गए.
होटल बंद होने के बाद वो वापस गांव की ओर लौटे और अपने गांव में हस्तशिल्प कला पर काम करना शुरू कर दिया. उनके द्वारा शुरू किए इस स्वरोजगार से वो अब घर में ही टोकरियां, घेरी और कई तरह के सामान बना रहे हैं. उत्तराखंडवासियों को इस स्वरोजगार के बारे में चतर सिंह पंवार ने बताया कि वह पहले दुबई होटल में काम करते थे लेकिन एक दिन उन्होंने अपना ही मन बनाया और देहरादून में आकर रहने लगे और वहां अपना ही खुद का एक रेस्टोरेंट शुरू कर दिया. होटल बंद होने के बाद उन्होंने गांव में हस्तशिल्प कला का काम शुरू कर दिया. कोरोना के चलते वापस आए युवाओ के लिए उत्तराखंड सरकार भी सामने आयी है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने अपने भावुक संदेश में पहाड़ के युवाओ को घर में रहकर स्वरोजगार करने की बात कही. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओ के बारे में भी जानकारी दी. उत्तराखंड सरकार भी वापस पहाड़ लौटे इन युवाओ को यहीं रोककर स्वरोजगार में काम करने के लिए प्रेरित कर रही है.
संवाद365/अमित गुसांई
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