वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी ने किया सरेंडर, कोर्ट ने सुरक्षा देने के दिए आदेश

September 3, 2022 | samvaad365

धर्मनगरी हरिद्वार में आयोजित की गई धर्म संसद में हेट स्पीच मामले में आज सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी ने हरिद्वार न्यायालय में सरेंडर कर दिया जहां उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया वही जितेंद्र नारायण त्यागी को कुछ कट्टरपंथियों से खतरा है इसको देखते हुए न्यायालय ने ने इनकी सुरक्षा का आदेश भी दिया है वसीम रिजवी सबसे पहले निरंजनी अखाड़ा पहुंचे यहां अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्रपुरी से भेंट करके उनका आर्शीवाद लिया इसके बाद वे हरिद्वार कचहरी परिसर में पहुंचे उनके साथ रविंद्रपुरी महाराज सहित कई साधु संत भी मौजूद रहे

17 से 19 दिसंबर 2021 को हरिद्वार के वेद निकेतन में धर्म संसद आयोजित हुई थी आरोप है कि इसमें एक समुदाय को खत्म करने जैसी बातें कही गईं ज्वालापुर निवासी गुलबहार खां ने हरिद्वार शहर कोतवाली में 23 दिसंबर 2021 को करीब 10 धर्मगुरुओं के खिलाफ हेट स्पीच मामले में मुकदमा करवाया था इसमें वसीम रिजवी का नाम भी था हरिद्वार पुलिस ने 13 जनवरी 2022 को वसीम रिजवी को यूपी-उत्तराखंड बॉर्डर से गिरफ्तार किया था वे करीब 4 महीने तक जेल में रहे थे इसके बाद उन्हें सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई 29 अगस्त 2022 को अंतरिम जमानत समाप्त हो गई है सुप्रीम कोर्ट ने वसीम रिजवी को 2 सितंबर तक सरेंडर करने का आदेश दिया था जितेंद्र नारायण त्यागी के वकील उत्तम सिंह चौहान का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट से इनकी मेडिकल के आधार पर जमानत हुई थी उसका समय पूरे होने पर आज सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरेंडर किया है कुछ इनपुट मिले हैं किने कट्टरपंथियों से जान का खतरा है इसको देखते हुए न्यायालय ने इनकी सुरक्षा का आदेश भी पारित किया है.

हेट स्पीच के आरोप में वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी के साथ गाजियाबाद में डासना देवी मंदिर के पीठाधीश्वर यति नरसिंहानंद गिरि भी जेल गए थे हालांकि उन्हें हरिद्वार कोर्ट से महज एक महीने के भीतर ही जमानत मिल गई थी मगर वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी 4 महीने तक जेल में रहे थे आज एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया है इनका कहना है कि मैं 4 महीने जेल में रहा मैंने उन गुनाहों का पश्चाताप कर रहा हु जो मैंने कभी किया ही नहीं क्योंकि मैं एक हिंदू हूं और मैं इस पर गर्व करता हूं मुझे मेरी जान का भी खतरा है क्योंकि जो कहते हैं सर तन से जुदा वो मारना ही जानते हैं खतरा हर जगह है और जब तक मैं जिंदा हूं तब तक खतरा बना ही रहेगा.

(संवाद 365, नरेश तोमर)

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