कुंभ से पहले आखिर क्यों सरकार से नाराज हैं संत ?

December 2, 2020 | samvaad365

जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामण्डलेश्वर स्वामी अर्जुन पुरी महाराज ने कुंभ मेला स्नान के बहिष्कार की चेतावनी दी है,  स्वामी अर्जुनपुरी महाराज ने कुंभ मेले की व्यवस्थाओं को लेकर उत्तराखण्ड सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं. उनहोंने हरिद्वार में एक प्रेस कॉन्फ्रेंसकरते हुए कहा कि सरकार धर्मविरोधी कार्य कर रही है उनहोंने कहा की सरकार सनातन संस्कृति को प्रभावित करने वाले आदेश लागू कर हिन्दू समाज की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है. उनहों कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर प्रतिबन्ध लगाए जाने के फैसले को भी न्यायसंगत नहीं बोला.

उनहोंने सरकार पर यहा तक आरोप लगाए की सरकार कोरोना संक्रमण का भय दिखाकर धर्मनगरी और संतों की आस्था के साथ खिलवाड़ कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि कुंभ निर्माण कार्य आधे अधूरे हैं सड़कें टूटी हुई हैं, मठ मंदिरों के सौन्दर्यीकरण के कार्य अधर में है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा की कि भारत के इतिहास में महाकुंभ की तैयारियां पहली बार दुर्भाग्यपूर्ण हैं

वहीं चेतन ज्योति आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने आधे अधूरे निर्माण कार्यो पर नाराजगी जताई और कहा कि सरकार पूरी तरह से कुंभ मेले के निर्माण कार्यो को लेकर विफल साबित हो रही है. उनहोंने कहा की केन्द्र और राज्यों की घोषणायें मात्र दिखावा साबित हो रही हैं.

हरिद्वार कुंभ शुरु होने में अब कुछ ही समय बचा है और एसे में सरकार जहां एक तरफ इसे भव्य बनाने की कोशिशें कर रही है तो वहीं कोरोना के चलते प्रशासन और सरकार के फैसले अब सरकार पर ही भारी ना पढ़ जाएं. जहां महामारी के चलते जरूरी रोक और दिशा निर्देश देने को सरकार बाधित है तो वहीं इनही रोकों और निर्देशों से संत समाज भी अपना नाराजगी जाहिर कर रहा है. अब देखना ये होगा क्या सरकार करोना के चलते लिए गए अपने कुछ सख्त और जरूरी फैसलों को लेकर नाराज साधु संतो को मना पाती है या नहीं.

(संवाद 365/नरेश तोमर)

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