गलत पार्किंग,अतिक्रमण, फोन पर बातचीत करते हुए गाड़ी चलाना, रैश ड्राइविंग के खिलाफ अभियान चलाने के निर्देश

January 31, 2019 | samvaad365

राजधानी देहरादून में अनिल के0 रतूड़ी, महानिदेशक उत्तराखण्ड द्वारा प्रदेश की यातायात व्यवस्था सुधारने के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक ली गई। जिसमें पुलिस अधीक्षक यातायात जनपद देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर एवं नैनीताल सहित जनपदों के यातायात एवं सीपीयू प्रभारी उपस्थित रहे।

रतूड़ी ने अपने सम्बोधन में कहा कि पिछले एक वर्षों में हमने सीमित संसाधनों से जनपदों को सुव्यवस्थित करने का प्रयास किया है यह अच्छी बात है कि वर्ष-2018 में सड़क दुर्घटनाओं एवं सड़क दुर्घटनाओं में मृतकों एवं घायलों की संख्या में कमी आयी है। पूर्व की अपेक्षा आज के परिदृश्य में यातायात प्रबन्धन भी अपराध एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने के समान ही महत्वपूर्ण हो गया है। यातायात व्यवस्था का असर शान्ति एवं कानून पर भी पड़ता है। अपने संसाधनों का योजनाबद्घ तरीके से सर्वोत्तम उपयोग करें। अपने जनपद की यातायात की चुनौतियों को समझे, जनता को साथ लेकर चलें और यातायात प्रबन्धन हेतु कार्ययोजना तैयार करें। अपने-अपने जनपदों में स्वयं भ्रमण कर ब्लैक स्पाट एवं दुर्घटना संभावित क्षेत्रों का चिन्हीकरण करें।

अशोक कुमार, महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था उत्तराखण्ड ने समस्त यातायात प्रभारियों को Enforcement level बढ़ाने हेतु निर्देशित करते हुये कहा कि प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण ओवर स्पीड, नशे में वाहन चलाना, रेश ड्राइविंग, ओवरलोडिंग, एवं वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करना है, इनपर सख्त कार्यवाही करें। सड़कों पर जाम के मुख्य कारणों जैसे Wrong Parking एवं अतिक्रमण पर Action बढ़ायें। बिना डी0एल0 वाहन चलाने वाले पर कार्यवाही करें। यातायात डयूटी में अच्छे काम करने वाले कर्मियों को प्रोत्साहित करते हुये ट्रैफिक मैन ऑफ द मंथ का अवार्ड दिया जाये तथा लापरवाही करने वाले कर्मियों के विरूद्घ कार्यवाही की जाये।

केवल खुराना, निदेशक यातायात ने बताया कि विगत वर्ष-2018 में सड़क दुर्घटनाओं में कमी आयी है। यातायात व्यव्स्था में 50 प्रतिशत जनशक्ति बढ़ गयी है जिससे चालानों की संख्या 70 प्रतिशत वृद्घि हुयी है तथा 23 करोड़ सयोजन शुल्क वसूला गया है। उन्होने समय-समय पर यातायात सम्बन्धी चलाये जा रहे अभियानों में रूचि लिये जाने हेतु समस्त यातायात प्रभारियों को निर्देशित किया।

उक्त बैठक में निम्न बिन्दुओं पर विचार-विमर्श किया गयाः-

  1. ऐसी सड़क दुर्घटनायें जिनमें दो या उससे अधिक व्यक्तियों की मुत्यु होती है उनमें दुर्घटना स्थल पर जनपद प्रभारियों को तथा समान्य दुर्घटनाओं होने की दशा में स्वयं यातायात प्रभारियों को घटना स्थल पर जाकर निरीक्षण करने हेतु निर्देशित किया गया।
  2. जनपद प्रभारियों को परिवहन एवं लोकनिर्माण विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर संयुक्त रुप से दुर्घटना सम्भावित/बोटल नेक/ब्लैक स्पॉट स्थानों का चिन्हीकरण कर सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु चेतावनी बोर्ड, पैरा फिट एवं रिफ्लैक्टर कलर आदि कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
  3. मुख्यालय द्वारा उपलब्ध कराये गये संसाधनों से खराब ट्रैफिक लाइटों को अतिशीघ्र सही कराने हेतु भी निर्देशित किया गया।
  4. समस्त जनपदों में यातायात जागरुकता के सम्बन्ध में अभियान चलाकर आमजन को यातायात नियमों एवं सड़क सुरक्षा के प्रति जागरुक करने हेतु निर्देशित किया गया।
  5. प्रत्येक जनपद की यातायात व्यवस्था के सम्बन्ध में यातायात निदेशालय द्वारा मासिक एवं पुलिस मुख्यालय द्वारा त्रैमासिक समीक्षा किये जाने का निर्णय लिया गया।
  6. ऋषिकेश एवं मसूरी में नियमित रूप से सीपीयू द्वारा चैकिंग किये जाने हेतु भी निर्देशित किया गया।

यातायात प्रबन्धन में उत्कृष्ट कार्य करने के लिये जनपद पिथौरागढ़ को पुलिस महानिदेशक द्वारा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

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देहरादून/संध्या सेमवाल

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