UCC लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना उत्तराखंड, विधानसभा में पारित बिल

February 8, 2024 | samvaad365

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा में समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड 2024 विधेयक ध्वनिमत से पास हो गया है। इसके साथ ही यूसीसी बिल पास करने वाली उत्तराखंड विधानसभा देश की पहली विधानसभा बन गई है। अब बिल को मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। उसके बाद बिल राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखंड आजाद भारत का पहला राज्य बन जाएगा। वहीं, बिल पास होने के बाद उत्तराखंड विधानसभा सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है।

7 फरवरी 2024 रहा ऐतिहासिक

गौर हो कि, उत्तराखंड विधानसभा के लिए 7 फरवरी 2024 का दिन ऐतिहासिक रहा। समान नागरिक संहिता विधेयक पास करने के साथ ही उत्तराखंड विधानसभा ने यूसीसी बिल पास करने वाली देश की पहली विधानसभा का गौरव भी हासिल कर लिया है। 5 फरवरी से शुरू हुए उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र में समान नागरिक संहिता विधेयक पर 6 और 7 फरवरी को सदन में दो दिनों तक लंबी चर्चा हुई। सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने विधेयक के प्रावधानों को लेकर अपने-अपने सुझाव दिए। कुछ सुझावों पर चर्चा भी की गई। 6 फरवरी मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में समान नागरिक संहिता विधेयक उत्तराखंड 2024 को पेश किया था। इसके बाद चर्चा के लिए समय तय किया गया।  लेकिन विपक्ष ने चर्चा से पहले विधानसभा अध्यक्ष से विधेयक का अध्ययन करने के लिए समय मांगा।

विपक्ष ने किया हंगामा 

इसके बाद 7 फरवरी को विधेयक पर चर्चा की गई। इस दौरान विपक्ष ने हंगामा करते हुए विधेयक के दोषों पर चर्चा की। सदन में हंगामा करते हुए विपक्ष ने विधेयक को प्रदेश के हितों से बाहर बताया। हालांकि, संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, विधायक मुन्ना सिंह चौहान समेत कई विधायकों ने विधेयक के पक्ष में विस्तार से उल्लेख किया। दिनभर की चर्चा के बाद आखिरी में सीएम धामी ने विधेयक को लेकर सदन में अपनी बात रखी।

सीएम धामी ने बताया ऐतिहासिक क्षण

सीएम धामी ने कहा कि आज इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनते हुए, न केवल इस सदन को बल्कि उत्तराखंड के प्रत्येक नागरिक को गर्व की अनुभूति हो रही है। हमारी सरकार ने पीएम मोदी के ‘एक भारत और श्रेष्ठ भारत’ मंत्र को साकार करने के लिए उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लाने का वादा किया था। प्रदेश की देवतुल्य जनता ने हमें इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए अपना आशीर्वाद देकर पुनः सरकार बनाने का मौका दिया। सरकार गठन के तुरंत बाद, पहली कैबिनेट की बैठक में ही समान नागरिक संहिता बनाने के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन किया। सीएम धामी ने कहा कि हमने संविधान के अनुच्छेद 342 के अंतर्गत वर्णित हमारी अनुसूचित जनजातियों को इस संहिता से बाहर रखा है। जिससे उन जनजातियों और उनके रीति रिवाजों का संरक्षण किया जा सके। मारी सरकार का यह कदम संविधान में लिखित नीति और सिद्धांत के अनुरूप है। यह महिला सुरक्षा तथा महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण अध्याय है।

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