ककोड़ाखाल आंदोलन के 100 साल पूरे अनुसूया प्रसाद बहुगुणा के नेतृत्व में हुआ था आंदोलन स्वतंत्रता सेनानियों को किया गया याद हरीश रावत ने भी कार्यक्रम में की शिरकत स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में रूद्रप्रयाग जिले की ऐतिहासिक स्थली ककोड़ाखाल में जब कुली बेगार प्रथा की 100वीं वर्षगाठ मनाई गई तो ब्रिटिश हुकूमत के काले … Continue reading "ककोड़ाखाल आंदोलन के 100 साल पूरे, रूद्रप्रयाग में स्वतंत्रता सेनानियों को किया गया याद, हरीश रावत भी पहुंचे" READ MORE >
Category: उत्तराखंड इतिहास
क्या ईगास को मिल पाएगी उसकी पुरानी पहचान ?
उत्तराखंड के पारंपरिक लोकपर्व ईगास को प्रदेशभर में बड़ी धूम-धाम से मनाया गया. इस विलुप्त हो रहे पारंपरिक पर्व की रोशनी को फिर से गांव से लेकर शहरों तक में लौटाने की कोशिश में लगातार राज्य सरकार के प्रयास जारी हैं. कई मान्यताओं के अनुसार ईगास बग्वाल को लेकर एक मान्यता ये है की भगवान … Continue reading "क्या ईगास को मिल पाएगी उसकी पुरानी पहचान ?" READ MORE >
उत्तराखंड से भी सांसद रह चुकी हैं सुषमा स्वराज… सीएम त्रिवेंद्र ने भी दी श्रद्धांजलि
भारत की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का निधन हो गया हर कोई उनके निधन से स्तब्ध है. दिल्ली के एम्स अस्पताल में उनका निधन हुआ है. सुषमा स्वराज का संबंध उत्तराखंड से भी रहा है. उत्तराखंड से भी उनका गहरा लगाव रहा है. सुषमा स्वराज कई बार उत्तराखंड आई थी. सबसे बड़ी बात ये … Continue reading "उत्तराखंड से भी सांसद रह चुकी हैं सुषमा स्वराज… सीएम त्रिवेंद्र ने भी दी श्रद्धांजलि" READ MORE >
देवभूमि में है कर्ण का भव्य मंदिर… लोगों की भीड़ देती है आस्था का प्रमाण… देखिए तस्वीरें
मोरी, उत्तरकाशी: उत्तराखंड को देवभूमि इसलिए कहा जाता क्योंकि यहां पर देवताओं का वास माना जाता था. खासतौर पर पांडवों का संबंध उत्तराखंड से काफी गहरा रहा है. महाभारत काल की कई यादें आज भी उत्तराखंड से जुड़ी हुई हैं. महाभारत के युद्ध के बाद पांडव यहीं आए थे. और यहां के लोगों का जुड़ाव … Continue reading "देवभूमि में है कर्ण का भव्य मंदिर… लोगों की भीड़ देती है आस्था का प्रमाण… देखिए तस्वीरें" READ MORE >
जौनपुर का मौण मेला… जानिए क्यों पकड़ी जाती हैं मछलियाँ …?
जौनपुर विकास खण्ड लोक संस्कृति और पौराणिक मेलों, रिती रिवाजो के लिए पूरे भारत वर्ष मे जाना जाता है. इसी के तहत इस क्षेत्र का पौराणिक मौण मेला एक बार फिर से धूमधाम के साथ मनाया गया. अगलाड नदी मे हजारां लोगो ने मछली पकड कर ये मेला मनाया. मौण मेला मछली पकडने का एक … Continue reading "जौनपुर का मौण मेला… जानिए क्यों पकड़ी जाती हैं मछलियाँ …?" READ MORE >
जैकलीन वापस लौटी… तो अब बिग बी पहुंचेंगे देवभूमि
इस सीजन में शहर की भीड़भाड़ भरी जिंदगी और भीषण गर्मी से दूर कई लोग उत्तराखंड आते हैं. उत्तराखंड कई लोगों की पसंदीदा जगह भी है. चाहे आम आदमी हो या फिर कोई फिल्मी सितारा हर कोई उत्तराखंड की वादियों में घूमना चाहता है. इस पर्यटन सीजन में महानायक अमिताभ बच्चन भी उत्तराखंड आ रहे … Continue reading "जैकलीन वापस लौटी… तो अब बिग बी पहुंचेंगे देवभूमि" READ MORE >
बड़ा सवाल … क्या आज भी उपेक्षित है तिलाड़ी शहीद स्थल ..?
30 मई का दिन उत्तराखंड के इतिहास में एक रक्तरंजित तारीख है. और इस दिन को जाना जाता है तिलाड़ी गोली कांड के नाम से. 30 मई 1930 को सैकड़ों लोग तिलाड़ी के मैदान में अपने हक हकूकों के लिए शहीद हो गए थे. और तब से ही हर साल 30 मई को यमुना नदी … Continue reading "बड़ा सवाल … क्या आज भी उपेक्षित है तिलाड़ी शहीद स्थल ..?" READ MORE >
इस कुंड में स्नान करने से ही सार्थक होती है केदार की यात्रा
रूद्रप्रयाग: 11वें ज्योर्तिलिंग बाबा केदार के कपाट आज श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गये हैं. बाबा केदार के दर्शनों के लिए आने वाले भक्तों को गौरीकुण्ड से केदारनाथ तक की 16 किमी पैदल दूरी तय करनी पडती है. लेकिन बाबा केदार के दर्शन से पहले श्रद्धालु मॉ गौरी के गौरीकुण्ड स्थित पौराणिक मंदिर के दर्शन … Continue reading "इस कुंड में स्नान करने से ही सार्थक होती है केदार की यात्रा" READ MORE >
नहीं रहे राजा मानवेंद्र शाह को मात देने वाले परिपूर्णानंद पैन्यूली, शनिवार को देहरादून में ली अंतिम सांस
टिहरी रियासत और अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले परिपूर्णानंद पैन्यूली का आज देहरादून में निधन हो गया। परिपूर्णानंद लम्बे समय से बीमार चल रहे थे। शुक्रवार रात अचानक तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर आज उन्हें ओएनजीसी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। परिजनों ने जानकारी दी कि रविवार को उनका अंतिम … Continue reading "नहीं रहे राजा मानवेंद्र शाह को मात देने वाले परिपूर्णानंद पैन्यूली, शनिवार को देहरादून में ली अंतिम सांस" READ MORE >
‘चिपको आंदोलन’ का साक्षी रैणी गांव, आंदोलन की 46वीं वर्षगांठ पर विशेष
‘चिपको आंदोलन’ की जननी गौरा देवी गोपेश्वर जिले के रैणी गांव के लोग जंगल बचाओ अभियान में आज भी जुटे हुए हैं। गांव की महिलाओं और पुरुषों में आज भी जंगल बचाने को लेकर वही जुनून साफ देखा जा सकता है। दरअसल रैणी गांव वही गांव है जहां से चिपको आंदोलन की जननी गौरा देवी … Continue reading "‘चिपको आंदोलन’ का साक्षी रैणी गांव, आंदोलन की 46वीं वर्षगांठ पर विशेष" READ MORE >