मुख्यमंत्री धामी लोकसभा चुनाव के दौरान राज्यभर में निरंतर सक्रिय रहे। महीने भर तक चुनावी मोड में रहने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को एक्शन मोड में आ गए। मुख्यमंत्री ने वन विभाग के राज्य स्तरीय अधिकारियों और प्रभागीय वनाधिकारियों के साथ बैठक की और जंगल की आग की रोकथाम को लेकर उठाए जा रहे कदमों की समीक्षा की।
उन्होंने दो टूक कहा कि किसी भी वन क्षेत्र में आग की घटना पर संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी। साथ ही सभी जिलों में प्रभागीय वनाधिकारी स्तर पर नोडल अधिकारी नामित करने को भी निर्देशित किया। मुख्यमंत्री ने शीघ्र ही चारधाम यात्रा, पेयजल व्यवस्था और मानसून से निबटने की तैयारियों को लेकर भी बैठक लेने के संकेत दिए।
जंगल की आग राज्य के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं
मुख्यमंत्री धामी, लोकसभा चुनाव के दौरान राज्यभर में निरंतर सक्रिय रहे। शुक्रवार को मतदान के लिए वह कुमाऊं क्षेत्र के अंतर्गत खटीमा पहुंच गए थे। शनिवार को देहरादून पहुंचते ही उन्होंने अपने आवास में जंगल की आग की रोकथाम को लेकर वनाधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने कहा कि ग्रीष्मकाल में जंगल की आग राज्य के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। ऐसे में राज्य से लेकर जिला स्तर तक नोडल अधिकारी माइक्रोप्लान बनाकर अग्नि रोकथाम की योजना पर प्रभावी ढंग से कार्य करना शुरू कर दें।
उन्होंने कहा कि अधिकारी अपनी प्राथमिकता में ये तय कर लें कि पहले तो वनों में आग की कोई घटना न घटे, यदि कहीं आग की सूचना मिलती है तो तत्काल जिम्मेदारी के साथ रोकथाम को कदम उठाएं। उन्होंने सभी जिलों में नोडल अधिकारी नामित करने के साथ ही हेल्पलाइन व टोल फ्री नंबर जारी कर इनका व्यापक प्रचार-प्रसार कर आमजन को जागरूक करने को निर्देशित किया। जंगल की आग की रोकथाम में स्थानीय निवासियों, जनप्रतिनिधियों, वन पंचायतों का सहयोग लेने पर भी उन्होंने जोर दिया।