Heritage Festival 2023 : कौशिकी चक्रवर्ती ने अपने मधुर संगीत से सभी को मंत्रमुग्ध किया

November 3, 2023 | samvaad365

देहरादून में विभिन्न संस्कृतियों के संगम के साथ 27 वा विरासत आर्ट एंड हेरिटेज महोत्सव मनाया जा रहा है। जहा की देश ही नहीं बल्की विदेशी कलाओं का संगम भी देखने को मिल रहा है। 27 अक्टूबर से 10 नवंबर तक आयोजित इस महोत्सव में देश के हर प्रांत से हस्तशिल्प कलाएं, लोक संस्कृति, लोकगीत और लोक नृत्य देखने के लिए दूर दूर से लोग कौलागढ़ स्थित डॉ. भीमराव आंबेडकर स्टेडियम पहुंच रहे है जहा पर विरासत महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।महोत्सव की शाम को खास और दिलचस्प बनाने के लिए यहां पर अल्ग अल्ग कलाकारों की प्रस्तुतिया देखने को मिल रही है। नृत्य श्रेणी में पहली प्रस्तुति नर्तकियों के परिवार में जन्मे पंडित कृष्ण मोहन महाराज की रही उनके नृत्य ने महोत्सव में उपस्थित सभी लोगों का दिल जीत लिया। उनके नृत्य को देखकर हर किसी के चेहरे पर खुशी का भाव देखने को मिला। पंडित कृष्ण मोहन महाराज लखनऊ के प्रतिष्ठित कालका बिंदादीन घराने से हैं और अपनी तकनीकी कुशलता के लिए प्रसिद्ध हैं। वह नई दिल्ली, भारत में राष्ट्रीय कथक नृत्य संस्थान, कथक केंद्र के गुरुओं में से एक हैं। और वह युवा प्रतिभाओं को बढ़ावा देने और उनका पोषण करने में विश्वास रखते हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रम की दूसरी प्रस्तुति दक्षिण अफ़्रीका से नृत्य कलाकारों की टुकड़ी, त्रिभंगी नृत्य रंगमंच की रही। त्रिभंगा डांस थिएटर ने कुछ पीढ़ियों से चले आ रहे अफ्रीकी-भारतीय संबंध का जश्न मनाते हुए एक ऊर्जावान नृत्य है।

सांस्कृतिक कार्यक्रम की तीसरी प्रस्तुति मशहूर शास्त्रीय गायिका कौशिकी चक्रवर्ती की रही, कौशिकी चक्रवर्ती ने कार्यक्रम की शुरुआत राग यमन कल्याण से की। कौशिकी ने झप ताल में बड़े गुलाम अली खां साहब के तराना सहित अन्य मधुर प्रस्तुति से हर किसी को मंत्रमुग्ध कर दिया। कौशिकी चक्रवर्ती एक भारतीय शास्त्रीय गायिका और संगीतकार हैं। उन्होंने संगीत अनुसंधान अकादमी में शिक्षा ली और वह एशिया-प्रशांत श्रेणी में विश्व संगीत के लिए 2005 में बीबीसी रेडियो से 3 पुरस्कार भी प्राप्त कर चुकी हैं।महोत्सव में स्कूल और विश्वविद्यालय के छात्र-छात्रों ने भी भाग लिया, जिसमें की ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय की कृति यादव ने भरतनाट्यम की प्रस्तुति दी वही दून विश्वविद्यालय की श्रृष्टि जोशी जिन्होंने कथक नृत्य का प्रदर्शन किया और इसी प्रकार से अन्य स्कूल और विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं ने अपनी अपनी प्रस्तुतियां दी। महोत्सव में गायिका सुरभि कुमोला भी पहुंची और उन्होंने कहा कि आज मैं यहां पर आकर बहुत ही ज्यादा प्रसन्न हूं। क्योंकि यहां पर आज मुझे अपने गुरु अपनी प्रेरणा कौशिकी चक्रवर्ती को लाइव सुनने का मौका मिला और मैं बचपन से ही उनके संगीत को पसंद करती हूं।

 

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