उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की ओर से उत्तराखंड सम्मिलित राज्य कनिष्ठ अभियंता सेवा परीक्षा 2023 के रिक्त पदों के सापेक्ष वस्तुनिष्ठ प्रकार की लिखित परीक्षा का आयोजन 23, 24, 26 और 27 दिसंबर को प्रदेश के 14 नगरों में आयोजित की जाएगी। सिटी मजिस्ट्रेट रविंद्र जुवांठा ने हरिद्वार शहर के परीक्षा केंद्रों के 200 मीटर की परिधि में निषेधाज्ञा लागू की है। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत ने बताया कि कनिष्ठ अभियंता लिखित प्रकृति परीक्षा में अभ्यर्थियों को किसी भी प्रकार का कैलकुलेटर ले जाने पर प्रतिबंध है।
यह भी पढ़ें- J&K: आतंकियों ने घात लगाकर सेना की गाड़ियों पर की फायरिंग, पांच जवान शहीद
वेबसाइट पर उपलब्ध है परीक्षा कार्यक्रम
परीक्षा कार्यक्रम आयोग की वेबसाइट www.psc.uk.gov.in पर भी उपलब्ध है। बताया कि 23 दिसंबर को सामान्य हिंदी सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक होगी। इसी दिन दूसरे सत्र में सामान्य अंग्रेजी की परीक्षा दोपहर दो बजे से शाम चार बजे तक होगी। 24 दिसंबर को सिविल इंजीनियरिंग प्रथम प्रश्न पत्र सुबह नौ बजे से दोपहर 12 बजे तक होगी। इसी दिन दूसरे सत्र में सिविल इंजीनियरिंग द्वितीय प्रश्नपत्र की परीक्षा दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक होगी।
यह भी पढ़ें- कोविड को लेकर उत्तराखंड में शुरू होगा जन जागरूकता अभियान, अधिकारियों को स्वाथ्य सचिव ने दिए निर्देश
ये है परीक्षा का समय
26 दिसंबर को मैकेनिकल इंजीनियरिंग का प्रथम प्रश्न पत्र सुबह नौ बजे से दोपहर 12 बजे तक और द्वितीय प्रश्न पत्र दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक आयोजित होगी। 27 दिसंबर को इलेक्ट्रिकल- एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग प्रथम प्रश्न पत्र सुबह नौ से 12 बजे और द्वितीय प्रश्न पत्र दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक आयोजित होगी।
यह भी पढ़ें- कल हरिद्वार आ आएंगे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, रूट हुए डायवर्ट; देखें रूट प्लान
26 नवंबर 2021 को जारी हुआ था नोटिफिकेशन
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने 776 पदों के लिए जेई भर्ती का नोटिफिकेशन 26 नवंबर 2021 को जारी किया था। इस भर्ती के लिए परीक्षा सात से दस मई 2022 को हुई थी। परीक्षा में 3,853 अभ्यर्थी पास हुए थे। जिन्हें साक्षात्कार के लिए चुना गया था।
यह भी पढ़ें- उद्योगपति सुधीर विंडलास को सीबीआई ने किया गिरफ्तार
हो गया था पेपर लीक
बाद में जांच के दौरान इस परीक्षा का पेपर लीक पाया गया। आयोग ने परीक्षा रद कर दी थी। एसआईटी रिपोर्ट के आधार पर इस परीक्षा में पेपर लीक करने के 61 अभ्यर्थियों पर आयोग ने पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया है। इनमें से कुछ अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट से स्टे प्राप्त किया है।