नैनीताल की लीची को मिली नई पहचान, मिला जीआई टैग, काश्तकारों को मिलेगा यह लाभ

December 5, 2023 | samvaad365

रामनगर। नैनीताल की लीची को एक नई पहचान मिल गई है। क्षेत्र की लीची को जीआई टैग भौगोलिक संकेतांक मिलने पर काश्तकार खुश हैं। क्षेत्र में लीची की काफी पैदावार होती है। रामनगर की लीची बाहरी राज्यों में भी अपना स्वाद बिखेरती है।

यह भी पढ़ें-  उत्तराखंड में मौसम ने बदली करवट, बर्फ की सफेद चादर से ढकी चोटियां, बढ़ी ठिठुरन

यहां की लीची खरीदने के लिए दिल्ली, नोएडा समेत अन्य महानगरों के व्यापारी रामनगर में ही डेरा डाले रहते हैं। लीची को जीआई टैग दिलाने के लिए कवायद शुरू की गई थी। सोमवार को देहरादून में जीआई प्रमाण पत्रों का वितरण किया गया।

इस प्रजाति की लीची को मिला है टैग

रामनगर लीची उत्पादक संगठन के सचिव दीप चंद्र बेलवाल ने बताया कि जीआई टैग केवल रामनगर की रोज सेंटेड प्रजाति की लीची को मिला है। जीआई टैग उत्पाद की विशेषता की पहचान होती है। सचिव ने बताया कि जीआई टैग लेने के लिए लीची मालिकों की कागजी कार्रवाई संगठन पूरी कराएगा।

यह भी पढ़ें- अब जमीनों के फर्जीवाड़े पर लगेगी लगाम, वर्चुअली हो सकेगी रजिस्ट्री

जीआई टैग से बढ़ेगी लीची की बिक्री

दीप चंद्र बेलवाल ने बताया कि रोज सेंटेड लीची के लिए जीआई टैग के मानक क्या होंगे, यह संगठन तय करेगा। चेन्नई से जीआई टैग मिलेगा। जिसे लीची मालिक बेचने के दौरान लगा सकेंगे। उद्यान अधिकारी एएस परवाल ने बताया कि जीआई टैग मिलने से लीची की बिक्री और बढ़ेगी। इससे बागान मालिकों को लाभ मिलेगा।

94011

You may also like