Baba Tarsem Singh Murder: 10 लाख की सुपारी देकर कराई थी हत्या, मास्‍टर माइंड समेत चार गिरफ्तार

April 5, 2024 | samvaad365

डेरा कारसेवा प्रमुख तरसेम सिंह की हत्या प्रमुख डेरों के प्रबंधन में वर्चस्व की लड़ाई को लेकर 10 लाख की सुपारी देकर कराई थी। एडवांस में 1.60 लाख रुपये ले लिए थे और पांच लाख रुपये हत्या के बाद शूटर लेकर फरार हो गए। मामले में पुलिस ने हत्या के मास्टर माइंड समेत चार षड़यंत्रकारियों को गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए आरोपितों के पास से दो कार बरामद हुई है। इधर, पुलिस शूटरों की तलाश में जगह जगह दबिश दे रही है।

बाइक सवार शूटरों ने कर दी थी हत्या

एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि 28 मार्च को डेरा कारसेवा प्रमुख तरसेम सिंह की गोली मारकर बाइक सवार शूटरों ने हत्या कर दी थी। पुलिस जांच में हत्यारोपित की पहचान तरनतारण पंजाब निवासी सर्वजीत सिंह पुत्र स्वरूप सिंह और नगली फतेहगढ़, चूड़ियां रोड, थाना कम्मो, जिला अमृतसर पंजाब व अमरजीत उर्फ बिट्टू उर्फ गंडा पुत्र सरदार सुरेंद्र सिंह के रूप में की।

पता चला कि 19 मार्च को शूटर्स गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब में आए थे और यहां की सराय में कमरा नंबर 23 में रुके थे। इसके लिए सर्वजीत सिंह ने अपनी आइडी, आधार कार्ड नंबर और मोबाइल नंबर को सराय के रजिस्टर में दर्ज कराया था। सर्वजीत के मोबाइल की काल डिटेल चेक की गई तो 19 मार्च से 27 मार्च तक उसकी लोकेशन रामपुर, बाजपुर, किच्छा, शाहजहांपुर में मिली।

मैनुअली इनपुट और सर्विलांस के आधार पर पता चला कि मोबाइल नंबर और मोबाइल फोन 14 मार्च को कस्बा तिलहर, थाना तिलहर, शाहजहांपुर से खरीदा गया था। मोबाइल नंबर से हत्यारोपित शूटरों के पुराने नंबर प्राप्त हुए। जिनकी जांच में पता चला कि हत्यारोपित शाहजहांपुर, तहसील पुवायां के ग्राम कबीरपुर निवासी दिलबाग सिंह पुत्र लक्ष्मण सिंह एवं बलकार सिंह, सतनाम सिंह, परगट सिंह, हरविंद्र सिंह उर्फ पिंदी के संपर्क में फरवरी से थे। उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण लोगों के कहने पर गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब स्थित डेरा कारसेवा एवं तराई क्षेत्र के अन्य महत्वपूर्ण डेरों के प्रबंधन को वर्चस्व में लेने के लिए तरसेम सिंह की हत्या की योजना बनाई।

10 लाख रुपए की सुपारी दी

योजना के अनुसार दिलबाग सिंह और उसके साथियों ने सुनियोजित तरीके से पेशेवर अपराधी सर्वजीत सिंह और अमर जीत सिंह उर्फ बिट्टू को 10 लाख रुपए की सुपारी दी। घटना से पहले दोनों को 1.60 लाख रुपये एडवांस दिए गए। साथ ही दोनों शूटरों को वारदात को अंजाम देने के लिए हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराई थी।

एसएसपी डा. मंजूनाथ टीसी ने बताया कि 19 मार्च से वह लगातार घूम फिर कर तरसेम सिंह के प्रतिदिन के दिनचर्या की जानकारी लेते रहे। इसके लिए दोनों ने नानकमत्ता गुरुद्वारा साहिब के एक कर्मचारी बरा जगत थाना अमरिया, जिला पीलीभीत निवासी अमनदीप सिंह उर्फ काला पुत्र कुलदीप सिंह को अपने प्रभाव में लेकर व लालच देकर उसकी सहायता से 28 मार्च को बाबा तरसेम सिंह की सही लोकेशन प्राप्त कर गोली मारकर हत्या कर दी थी।

हत्या के बाद शूटर सीधे षड़यंत्रकारी ग्राम कबीरपुर पुआयां शाहजहांपुर निवसी दिलबाग सिंह के घर पर पहुंचे और वहां से पांच लाख रुपये लिए। जिसके बाद दिलबाग सिंह की सहायता से फरार हो गए। इनपुट के बाद पुलिस ने दिलबाग सिंह पुत्र लक्ष्मण सिंह, अमनदीप सिंह उर्फ काला पुत्र कुलदीप सिंह, हरमिंदर उर्फ पिंदी पुत्र मलकीत सिंह, बलकार सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि गिरफ्तार चारों आरोपितों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। जबकि शूटरों की तलाश में पुलिस टीम लगी हुई है। जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

हत्यारों के मददगारों पर हत्या समेत दर्ज है कई मुकदमें

कारसेवा बाबा के हत्यारों को मदद करने वाले पुलिस द्वारा पकड़े गए चार आरोपितों में तीन अपराधियों का अपराधिक इतिहास रहा है। इनके दो पर हत्या का मुकदमा दर्ज है। आरोपित दिलबाग सिंह पर थाना निगोही के जनपद शाहजहांपुर में, हरमिंदर सिंह ऊर्फ पिंदी पर थाना सदर बाजार जिला शाहजहांपुर में, बलकार सिंह पर कंजा थाना करेली जिला पीलीभीत में हत्या का मुकदमा दर्ज है।

दोनों हत्यारों की बढे़गी ईनामी राशि

तरसेम सिं की हत्या करने के बाद फरार हत्यारों के ऊपर 50 हजार की बजाय एक लाख का इनाम घोषित किया जाएगा। एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि घटना को गंभीरता से लेते हुए सर्वजीत व अमरजीत पर 50 हजार से बढ़ाकर ईनामी राशि एक लाख रुपये किए जाने के लिए अधिकारियों को पत्र लिखा है। जिसकी जल्द स्वीकृति मिल जाएगी।

आखिर कौन खेल रहा था डेरों के वर्चस्व का खेल

तरसेम सिंह की हत्या की योजना पिछले कई माह से बनाई जा रही थी। वह कई रसूखदार लोगों के निशाने पर थे। एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने भी बताया कि कई महत्वपूर्ण व रसूखदार लोग प्रमुख डेरों पर व गुरुद्वारों पर अपना वर्चस्व रखना चाहते हैं। इसी वर्चस्व में कुछ रसूखदारों के इशारे पर हत्या का अंदेशा जताया जा रहा है। पकड़े गए चारों आरोपितों ने हत्यारों की मदद पैसों से की, लेकिन ये रसूखदार आखिर कौन हैं, जिसने इतनी बड़ी वारदात को अंजाम देने की रूपरेखा तैयार कर सुपारी देकर वारदात को अंजाम देकर तराई से पंजाब व उत्तर प्रदेश तक सनसनी फैला दी।

सेवादार को शादी का प्रलोभन देकर कराई रेकी

तरसेम सिंह ने जिस सेवादार को सहारा दिया था, वही हत्यारोपितों का मुख्य मददगार बन गया। आरोपितों ने गुरुद्वारा के एक सेवादार को अपने झांसे में लेकर उसकी शादी पंजाब में कराने का प्रलोभन देकर कारसेवा बाबा की रेकी कराई थी। एसपी मनोज कत्याल ने बताया कि सेवादार अमनदीप सिंह उर्फ काला पुत्र कुलदीप सिंह निवासी निवासी बरा जगत थाना अमरिया जिला पीलीभीत से सर्वजीत व अमरजीत ने पहले दोस्ती की।

अमनदीप शादी ने होने से परेशान था। जिसकी कमजोरी का फायदा उठाते हुए हत्यारों ने उसे नकदी और कपड़े भी उपलब्ध कराए। सूत्रों की मानें तो अमनदीप को यह कहकर झांसे में लिया कि तरसेम सिंह से अकेले में मुलाकात करनी है। जिसके लिए बाकायदा सूचना पहुंचाने के लिए नया मोबाइल भी खरीदकर दिया गया। सेवादार अमनदीप बीते कई साल से लंगर में सेवा किया करता था। उसके परिवार का खर्च भी तरसेम सिंह चलाते थे, लेकिन वह हत्यारोपितों के मंसूबों को भांप नहीं पाया।

सर्वजीत और अमरजीत का लंबा अपराधिक इतिहास

तरसेम सिंह की हत्या करने वाली सर्वजीत व अमरजीत का अपराधिक लंबा इतिहास है। उनके ऊपर अपहरण हत्या के दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं। सर्वजीत सिंह के ऊपर पंजाब व बिहार में एक दर्जन से अधिक मुकदमें अलग-अलग थाने में दर्ज हैं। जिसमें अपहरण समेत हत्या के मुकदमे दर्ज हैं। वहीं दूसरे आरोपित अमरजीत सिंह पर रुद्रपुर, बिलासपुर, गदरपुर, थाना पुंवाया शहजहांपुर, थाना नानकमता में पांच मुकदमें दर्ज हैं।

टाडा में नामजद हो चुका शूटर अमरजीत सिंह

डेरा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की हत्या में नामजद शूटर अमरजीत सिंह पर नशीले पदार्थ की तस्करी, डकैती, मारपीट के मुकदमों के अलावा आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त होने का भी मुकदमा टाडा के तहत दर्ज हो चुका है। उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के अंतर्गत थाना बिलासपुर ग्राम सिहोरा निवासी अमरजीत सिंह उर्फ गंडा पुत्र सुरेंद्र सिंह का भी लंबा चौड़ा अपराधिक इतिहास है। अमरजीत सिंह पर अब तक गंभीर धाराओं के तहत पांच मुकदमे दर्ज हैं। अमरजीत सिंह डेरा प्रमुख तरसेम सिंह की हत्या में मुख्य शूटर है। अमरजीत सिंह के विरुद्ध वर्ष, 1991 में थाना बिलासपुर जिला रामपुर के अंतर्गत टाडा एक्ट के तहत अपराध पंजीकृत किया गया था। उस पर देश में विघटन फैलाने का आरोप था।

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