सिलक्यारा सुरंग हादसे में 40 नहीं 41 मजदूर फंसे, परिजनों का फूटा गुस्सा, लापरवाही का आरोप

November 18, 2023 | samvaad365

सिलक्यारा सुरंग हादसे के बाद सुरंग के फंसे 40 मजदूरों की संख्या बढ़कर 41 हो गई है। गत शुक्रवार दिनभर चली एक अन्य व्यक्ति के सुरंग में फंसे होने की अफवाह पर देर रात मुहर लग गई। कंपनी प्रबंधन ने जिला प्रशासन को मुजफ्फरपुर बिहार के दीपक कुमार के सुरंग में फंसे होने की सूचना दी है।

सुरंग के बाहर श्रमिकों और परिजनों का फूटा गुस्सा

शनिवार को सात दिन बाद सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर नहीं निकाले जाने पर मजदूरों के सब्र का बांध टूट गया। उन्होंने दोबारा कंपनी अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रेस्क्यू में तेजी लाने की मांग की। वहीं कंपनी की बड़ी लापरवाही सामने आने के बाद सुरंग के बाहर अन्य श्रमिकों और परिजनों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया।

यह भी पढ़ें- BADRINATH DHAM YATRA: शीतकाल के लिए बंद हुए भगवान बद्री विशाल के कपाट

सुरंग के ऊपर और साइड से होगी ड्रिलिंग 

अमेरिकी ऑगर मशीन से गत शुक्रवार दोपहर बाद ड्रिलिंग का काम बंद कर दिया गया था। जिसके बाद से अब तक मात्र 22 मीटर ही ड्रिल हो पाया है। बताया जा रहा है कि मशीन के कंपन से सुरंग में मलबा गिरने का खतरा बना हुआ है। वहीं दरारें भी आई हैं। अब सुरंग फंसे लोगों को बचाने के लिए सुरंग के ऊपर और साइड से भी ड्रिलिंग करने करने का प्लान है। इसके लिए कुछ मशीनें मंंगाई गई है। जिसमें ऊपर से अधिक मात्रा में खाना और साइड से उन्हें निकाला जाएगा।  शनिवार को प्रधानमंत्री कार्यालय(पीएमओ) में उपसचिव मंगेश घिल्डियाल भी सिलक्यारा पहुंचे। इस दौरान उन्होंने सुरंग का जायजा लेकर रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़े अधिकारियों से वस्तुस्थिति का जायजा लिया।

ह्यूम पाइप निकालने पर सवाल 

टनल में आपातकाल में बचाव के लिए ह्यूम पाइप क्यों नहीं था यह कंपनी की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाता है। यह सीधे तौर पर निर्माण करा रही कंपनी की लापरवाही को बताता है। लेकिन, यह लापरवाही तब अपराध बन जाती है जब यह पता चलता है कि पाइप तो था मगर उसे कुछ समय पहले ही निकाल लिया गया था। सवाल यह है कि आखिर क्यों इस पाइप को निकाला गया और किसके कहने पर। बता दें कि  सुरंग निर्माण की शुरुआत में ही आपातकाल में बचाव के मद्देनजर ह्यूम पाइप बिछाया जाता है। जहां तक टनल की खोदाई हो जाती है वहां तक इस पाइप को बढ़ाया जाता है। उत्तरकाशी की इस सुरंग का निर्माण लगभग पूरा हो गया था। यहां पर भी नियमानुसार पाइप बिछाया गया था। ताकि, यदि कभी कोई ऐसा हादसा हो तो इस पाइप से मजदूर बाहर आ सकें। लेकिन, मौके पर मौजूद सूत्रों के मुताबिक यहां पर बिछे इस पाइप को कुछ समय पहले ही निकाल लिया गया था। हालांकि, इसके पीछे क्या मंशा थी इस बात का पता लगाया जा रहा है। माना जा रहा है कि कंपनी को लगा होगा कि इस सुरंग का निर्माण लगभग पूरा हो चुका था। यही सोचकर कि अब आखिरी तराशी का काम हो रहा है तो इस पाइप को निकाल लिया गया होगा। मगर, बहुत लोग और संगठन ह्यूम पाइप न होने पर सवाल उठा रहे हैं। इसे कंपनी की लापरवाही मान रहे हैं।

यह भी पढ़ें-  CRICKET WORLD CUP: भारत की जीत के लिए परमार्थ निकेतन में विशेष हवन पूजन

93522

You may also like