बदरीनाथ हाईवे के भूस्खलन और आपदा प्रभावित क्षेत्रों के ट्रीटमेंट के लिए एनएचआईडीसीएल को केंद्र सरकार के सड़क एवं परिवहन मंत्रालय से 500 करोड़ रुपये स्वीकृत हो गए हैं। अब मार्च माह से हाईवे पर सुधारीकरण कार्य शुरू होगा। चारधाम यात्रा आगामी मई माह से शुरू हो जाएगी। ऐसे में एनएचआईडीसीएल के सामने समय कम और काम अधिक है।
बदरीनाथ हाईवे कई जगहों पर बेहद खस्ता हालत में है। गत वर्ष आपदा के दौरान जिन स्थानों पर भूस्खलन और भू-धंसाव की स्थिति उत्पन्न हुई थी, वहां अभी भी स्थिति जस की तस है। पीपलकोटी बाजार के समीप हाईवे का चौड़ीकरण कार्य तो कर दिया गया है लेकिन डामर अभी तक नहीं बिछा है। ऐसे में यहां वाहनों की आवाजाही से धूल के गुबार उड़ रहे हैं।
यहां से करीब दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित भनेरपाणी में गत वर्ष भूस्खलन होने से हाईवे करीब 20 मीटर तक क्षतिग्रस्त हो गया था, लेकिन अभी तक यहां सुधारीकरण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। पागल नाला से बेलाकूची तक हाईवे करीब आधा किमी हिस्से में बेहद संकरा और खतरनाक बना है। यहां आवासीय मकानों को भी खतरा बना है।
गडोरा गदेरे में आया मलबा अभी हाईवे किनारे अटका
हेलंग, बिरही और गडोरा में भी स्थिति खतरनाक है। गडोरा गदेरे में आया मलबा अभी हाईवे किनारे अटका है। एनएचआईडीसीएल (राष्ट्रीय राजमार्ग एवं ढांचागत विकास) की ओर से इसको भी नहीं हटाया जा सका है। गडोरा के अयोध्या हटवाल ने बताया कि एनएचआईडीसीएल की ओर से हाईवे पर सिर्फ मिट्टी भरान का काम किया जा रहा है, जिसका स्थानीय लोगों ने विरोध किया है।