पहाड़ में आजीविका का विकल्प बने पिरुल पर काम कर स्वरोजगार की तरफ कदम बढ़ाने वाली महिलाओ में एक नया नाम और जुड़ गया है। अल्मोड़ा के सुनौला स्यालीधार की नीता नेगी पिछले एक साल से पहाड़ में बेकार समझे जाने वाले पिरुल पर काम कर नई नई आकृतियां बना रही है। जिसमें उनके द्वारा टोकरियां, पेनस्टैंड,टी कोस्टर के साथ अलग अलग उत्पाद बनाए जा रहे है।
नीता बताती है कि उन्होंने घर के पास कुछ बच्चों के साथ पिरुल की बुनाई करना सीखा फिर धीरे धीरे इनको अलग अलग आकार देना शुरू किया। उनका कहना है की समय की कमी से वो उतना समय तो नही दे पाती है लेकिन जितना भी समय मिलता है वो उसमें कुछ नया बनाने की कोशिश करती है। साथ ही अपने आस पास अन्य महिलाओं को भी इस हुनर को सीखा कर स्वरोजगार की तरफ प्रेरित करना चाहती है।